अच्छेज्ज: Difference between revisions
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<span class="GRef"> भगवती आराधना / विजयोदया टीका/230/443/10 </span><span class="SanskritText">तत्रोद्गमो दोषो निरूप्यते .... ... राजामात्यादिभिर्भयमुपदर्श्य परकीयं यद्दीयते तदुच्यते अच्छेज्जं इति ।.... उद्गमदोषा निरूपिताः ।</span> | |||
<p class="HindiText"> राजा अथवा प्रधान इत्यादिकों से भय दिखाकर दूसरों का गृहादिक यतियों को रहने के लिए देना वह <b>अच्छेज्ज</b> नाम का उद्गम दोष है । </p> | |||
<p>वसतिका के अन्य दोषों को जानने के लिये देखें [[ वसतिका ]]।</p> | |||
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Latest revision as of 19:06, 8 December 2022
भगवती आराधना / विजयोदया टीका/230/443/10 तत्रोद्गमो दोषो निरूप्यते .... ... राजामात्यादिभिर्भयमुपदर्श्य परकीयं यद्दीयते तदुच्यते अच्छेज्जं इति ।.... उद्गमदोषा निरूपिताः ।
राजा अथवा प्रधान इत्यादिकों से भय दिखाकर दूसरों का गृहादिक यतियों को रहने के लिए देना वह अच्छेज्ज नाम का उद्गम दोष है ।
वसतिका के अन्य दोषों को जानने के लिये देखें वसतिका ।