|
|
(9 intermediate revisions by 4 users not shown) |
Line 1: |
Line 1: |
| [[दर्शनसार]] /प्र.३६-३७/ भोजवंशी राजा था। भोजवंश की वंशावली के अनुसार (दे. इतिहास) आप राजा यशोवर्मा के पुत्र और विन्ध्यवर्मा (विजयवर्मा) के पिता थे। मालवा (मगध) में आपका राज्य था। धारा व उज्जैनी आपकी राजधानी थी। समय ई. ११५३-११९२। <br>(विशेष दे. इतिहास ३/१)<br>अजातशत्रु -<br>मगध का एक राजा था तथा शिशुनागवंशी था।<br>अजितंजय -<br>[[हरिवंश पुराण]] सर्ग ६०/४९२ [[त्रिलोकसार]] गाथा संख्या ८५५-८५६ आगम में इस राजा को धर्म का संस्थापक माना गया है। जबकि कल्कि के अत्याचारों से धर्म व साधुसंघ प्रायः नष्ट हो चुका था तब कल्कि का पुत्र अजितंजय मगध देश का राजा हुआ था जिसने अत्याचारों से सन्तप्त प्रजा को सान्त्वना देकर पुनः संघ व धर्म की वृद्धि की थी। समय वी. नि. १०४०; ई. ५१४।<br>अजितंधर -<br>अष्टम रुद्र थे। <br>(विशेष दे. शलाकापुरुष ७)।<br>अजित -<br>भ. चन्द्रप्रभ का शासक यक्ष-दे. तीर्थंकर ५/३; २. एक ब्रह्मचारी था। ति-हनुमच्चरित्र <br>([[युक्त्यनुशासन]] प्रस्तावना / २९/)।<br>[[Category:अ]] <br>[[Category:दर्शनसार]] <br>[[Category:त्रिलोकसार]] <br>[[Category:हरिवंश पुराण]] <br>[[Category:युक्त्यनुशासन]] <br>
| | <span class="GRef">दर्शनसार /प्रस्तावना 36-37</span><p class="HindiText">भोजवंशी राजा था। भोजवंश की वंशावली के अनुसार (देखें [[ इतिहास ]]) आप राजा यशोवर्मा के पुत्र और विंध्यवर्मा (विजयवर्मा) के पिता थे । मालवा (मगध) में आपका राज्य था। धारा व उज्जैनी आपकी राजधानी थी। समय ई. 1153-1192। </p> |
| | <p>(विशेष देखें [[ इतिहास ]] 3/1)</p> |
| | |
| | |
| | <noinclude> |
| | [[ अजमेघ | पूर्व पृष्ठ ]] |
| | |
| | [[ अजर | अगला पृष्ठ ]] |
| | |
| | </noinclude> |
| | [[Category: अ]] |
| | [[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 19:15, 8 December 2022
दर्शनसार /प्रस्तावना 36-37
भोजवंशी राजा था। भोजवंश की वंशावली के अनुसार (देखें इतिहास ) आप राजा यशोवर्मा के पुत्र और विंध्यवर्मा (विजयवर्मा) के पिता थे । मालवा (मगध) में आपका राज्य था। धारा व उज्जैनी आपकी राजधानी थी। समय ई. 1153-1192।
(विशेष देखें इतिहास 3/1)
पूर्व पृष्ठ
अगला पृष्ठ