अभिधानमल: Difference between revisions
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- | <span class="GRef"> धवला 1/1,1,1/33/2 </span> <span class="SanskritText">अथवाअर्थाभिधानप्रत्ययभेदात्त्रिविधं मलम्। उक्तमर्थमलम्। अभिधानमलं तद्वाचक: शब्द–। तयोरुत्पन्नबुद्धि: प्रत्ययमलम्। अथवा चतुर्विधं मलं नामस्थापनाद्रव्यभावमलभेदात्। अनेकविधं वा।</span> = <span class="HindiText">अथवा अर्थ, '''अभिधान''' व प्रत्यय के भेद से मल तीन प्रकार का होता है। अर्थमल तो द्रव्य व भावमल के रूप में ऊपर कहा जा चुका है। मल के वाचक शब्दों को '''अभिधानमल''' कहते हैं। तथा अर्थमल और अभिधानमल में उत्पन्न बुद्धि को प्रत्ययमल कहते हैं। अथवा नाममल, स्थापनामल, द्रव्यमल और भावमल के भेद से मल चार प्रकार का है। अथवा इसी प्रकार विवक्षा भेद से मल अनेक प्रकार का भी है।</span></li> | ||
<p class="HindiText"> - देखें [[ मल ]]।</p> | |||
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धवला 1/1,1,1/33/2 अथवाअर्थाभिधानप्रत्ययभेदात्त्रिविधं मलम्। उक्तमर्थमलम्। अभिधानमलं तद्वाचक: शब्द–। तयोरुत्पन्नबुद्धि: प्रत्ययमलम्। अथवा चतुर्विधं मलं नामस्थापनाद्रव्यभावमलभेदात्। अनेकविधं वा। = अथवा अर्थ, अभिधान व प्रत्यय के भेद से मल तीन प्रकार का होता है। अर्थमल तो द्रव्य व भावमल के रूप में ऊपर कहा जा चुका है। मल के वाचक शब्दों को अभिधानमल कहते हैं। तथा अर्थमल और अभिधानमल में उत्पन्न बुद्धि को प्रत्ययमल कहते हैं। अथवा नाममल, स्थापनामल, द्रव्यमल और भावमल के भेद से मल चार प्रकार का है। अथवा इसी प्रकार विवक्षा भेद से मल अनेक प्रकार का भी है।
- देखें मल ।