अमावस्या: Difference between revisions
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<span class="GRef">तिलोयपण्णत्ति अधिकार 7/211-212 </span><p class=" PrakritText ">ससिबिंबस्स दिणं पडि एक्केक्कपहिम्मिभागमेक्केक्कं। पच्छादेदि हु राहू पण्णरसकलाओ परियंतं ॥211॥ इय एक्केक्कलाए आवरिदाए खु राहुबिंबेणं। चंदेक्ककला मग्गे जस्सिं दिस्सेदि सो य अमवासी ॥212॥</p> | |||
<p>= राहु प्रतिदिन ( | <p class="HindiText">= राहु प्रतिदिन (चंद्रमाके) एक एक पथ में पंद्रह कला पर्यंत चंद्र बिंब के एक एक भाग को आच्छादित करता है ॥211॥ इस प्रकार राहु बिंब के द्वारा एक एक कलाओं के आच्छादित हो जाने पर जिस मार्ग में चंद्रमा की एक ही कला दिखती है वह अमावस्या दिवस होता है ॥212॥</p> | ||
<p>विशेष देखें [[ ज्योतिषी#2.8 | ज्योतिषी - 2.8]]।</p> | <p class="HindiText">विशेष देखें [[ ज्योतिषी#2.8 | ज्योतिषी - 2.8]]।</p> | ||
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Latest revision as of 14:47, 26 December 2022
तिलोयपण्णत्ति अधिकार 7/211-212
ससिबिंबस्स दिणं पडि एक्केक्कपहिम्मिभागमेक्केक्कं। पच्छादेदि हु राहू पण्णरसकलाओ परियंतं ॥211॥ इय एक्केक्कलाए आवरिदाए खु राहुबिंबेणं। चंदेक्ककला मग्गे जस्सिं दिस्सेदि सो य अमवासी ॥212॥
= राहु प्रतिदिन (चंद्रमाके) एक एक पथ में पंद्रह कला पर्यंत चंद्र बिंब के एक एक भाग को आच्छादित करता है ॥211॥ इस प्रकार राहु बिंब के द्वारा एक एक कलाओं के आच्छादित हो जाने पर जिस मार्ग में चंद्रमा की एक ही कला दिखती है वह अमावस्या दिवस होता है ॥212॥
विशेष देखें ज्योतिषी - 2.8।