अवलंब: Difference between revisions
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<span class="GRef">धवला 12/4,2,8,3/3 </span><span class="SanskritText">सव्वस्स सच्चकलापस्स कारणादो अभेदो सत्तादीहिंतो त्ति णए अवलंबिज्जमाणे कारणादो कज्जमभिण्णं। ....कारणे कार्यमस्तीति विवक्षातो वा कारणात्कार्यमभिन्नम्। </span>=<span class="HindiText">सत्ता आदि की अपेक्षा सभी कार्यकलाप का कारण से अभेद है। इस नय का '''अवलंबन''' करने पर कारण से कार्य अभिन्न है, तथा कार्य से कारण भी अभिन्न है। ....अथवा ‘कारण में कार्य है’ इस विवक्षा से भी कारण से कार्य अभिन्न है। (प्रकृत में प्राणिवियोग और वचनकलाप चूँकि ज्ञानावरणीय बंध के कारणभूत परिणाम से उत्पन्न होते हैं अतएव वे उससे अभिन्न हैं। इसी कारण वे ज्ञानावरणीयबंध के प्रत्यय भी सिद्ध होते हैं)।</span><br /> | |||
<span class="HindiText">अर्थात् कारण-देखें [[ कारण#I.1 | कारण - I.1]]।</span> | |||
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धवला 12/4,2,8,3/3 सव्वस्स सच्चकलापस्स कारणादो अभेदो सत्तादीहिंतो त्ति णए अवलंबिज्जमाणे कारणादो कज्जमभिण्णं। ....कारणे कार्यमस्तीति विवक्षातो वा कारणात्कार्यमभिन्नम्। =सत्ता आदि की अपेक्षा सभी कार्यकलाप का कारण से अभेद है। इस नय का अवलंबन करने पर कारण से कार्य अभिन्न है, तथा कार्य से कारण भी अभिन्न है। ....अथवा ‘कारण में कार्य है’ इस विवक्षा से भी कारण से कार्य अभिन्न है। (प्रकृत में प्राणिवियोग और वचनकलाप चूँकि ज्ञानावरणीय बंध के कारणभूत परिणाम से उत्पन्न होते हैं अतएव वे उससे अभिन्न हैं। इसी कारण वे ज्ञानावरणीयबंध के प्रत्यय भी सिद्ध होते हैं)।
अर्थात् कारण-देखें कारण - I.1।