अशुभ नाम कर्म: Difference between revisions
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<span class="GRef"> धवला 13/5,5,1/101/365/12 </span><span class="PrakritText">जस्स कम्मस्सुदएण चक्कवट्टि-बलदेव-वासुदेवत्तादिरिद्धीणं सूचया संखंकुसारविंदादओ अंग-पच्चंगेसु उप्पज्जंति तं सुहणामं। जस्स कम्मस्सुदएणं असुहलक्खणाणि उप्पज्जंति तमसुहणामं।</span> =<span class="HindiText">जिस कर्म के उदय से चक्रवर्तित्व, बलदेवत्व और वासुदेवत्व आदि ऋद्धियों के सूचक शंख, अंकुश और कमल आदि चिह्न अंग-प्रत्यंगों में उत्पन्न होते हैं, वह शुभ नामकर्म है। इससे विपरीत जिस कर्म के उदय से अशुभ लक्षण उत्पन्न होते हैं, वह अशुभ नामकर्म लक्षण है।</span></p> | |||
<p> शुभाशुभ कर्म की परिभाषा के लिए देखें [[ शुभ ]]।</p> | <p> शुभाशुभ कर्म की परिभाषा के लिए देखें [[ शुभ ]]।</p> |
Latest revision as of 10:57, 29 December 2022
धवला 13/5,5,1/101/365/12 जस्स कम्मस्सुदएण चक्कवट्टि-बलदेव-वासुदेवत्तादिरिद्धीणं सूचया संखंकुसारविंदादओ अंग-पच्चंगेसु उप्पज्जंति तं सुहणामं। जस्स कम्मस्सुदएणं असुहलक्खणाणि उप्पज्जंति तमसुहणामं। =जिस कर्म के उदय से चक्रवर्तित्व, बलदेवत्व और वासुदेवत्व आदि ऋद्धियों के सूचक शंख, अंकुश और कमल आदि चिह्न अंग-प्रत्यंगों में उत्पन्न होते हैं, वह शुभ नामकर्म है। इससे विपरीत जिस कर्म के उदय से अशुभ लक्षण उत्पन्न होते हैं, वह अशुभ नामकर्म लक्षण है।
शुभाशुभ कर्म की परिभाषा के लिए देखें शुभ ।