अष्ट पाहुड: Difference between revisions
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<li>दर्शनपाहुड़, </li> | <li><p class="HindiText"> दर्शनपाहुड़, </li> | ||
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<li>चारित्रपाहुड़, </li> | <li><p class="HindiText"> चारित्रपाहुड़, </li> | ||
<li>बोधपाहुड़, </li> | <li><p class="HindiText"> बोधपाहुड़, </li> | ||
<li>भावपाहुड़, </li> | <li><p class="HindiText"> भावपाहुड़, </li> | ||
<li>मोक्षपाहुड़, </li> | <li><p class="HindiText"> मोक्षपाहुड़, </li> | ||
<li>लिंगपाहुड़, </li> | <li><p class="HindiText"> लिंगपाहुड़, </li> | ||
<li> शील पाहुड़ </li> | <li><p class="HindiText"> शील पाहुड़ </li> | ||
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<p>देखें [[ पाहुड़]]।</p> | <p class="HindiText">अधिक जानकारी हेतु देखें [[ पाहुड़]]।</p> | ||
Latest revision as of 14:05, 29 December 2022
आचार्य कुन्दकुन्द (ई.१२७-१७९) द्वारा ८५ पाहुड़ ग्रन्थों का रचा जाना प्रसिद्ध है, उनमें से आठ पाहुडों के संग्रह को अष्टपाहुड़ कहते हैं।
दर्शनपाहुड़,
सूत्रपाहुड़,
चारित्रपाहुड़,
बोधपाहुड़,
भावपाहुड़,
मोक्षपाहुड़,
लिंगपाहुड़,
शील पाहुड़
अधिक जानकारी हेतु देखें पाहुड़।