आचार वर्द्धनव्रत: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(3 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p>व्रतविधानसंग्रह/पृ. | <p><span class="GRef">व्रतविधानसंग्रह/पृ.107</span>।</p> | ||
<p>गणना-कुलसमय = 119 दिन; उपवास = 100; पारणा 19।</p> | <p class="HindiText"> गणना-कुलसमय = 119 दिन; उपवास = 100; पारणा 19।</p> | ||
<p>सुदृष्टितरंगिणी/यंत्र-1,2,3,4,5,6,7,8,9,10; 9,8,7,6,5,4,3,2,1; </p> | <p class="HindiText"> सुदृष्टितरंगिणी/यंत्र-1,2,3,4,5,6,7,8,9,10; 9,8,7,6,5,4,3,2,1; </p> | ||
<p>विधि - निर्भंग रूपेण एक उपवास एक पारणा, फिर दो उपवास एक पारणा, इस प्रकार ऊपर दर्शाये रूपसे | <p class="HindiText"> विधि - निर्भंग रूपेण एक उपवास एक पारणा, फिर दो उपवास एक पारणा, इस प्रकार ऊपर दर्शाये रूपसे बढ़ाता हुआ 10 उपवास एक पारणा, फिर घटाता हुआ अंत में एक उपवास एक पारणा करे। उपरोक्त अंक में अंकों से तो उतने-उतने उपवास जानना और बीच के (,) ऐसे स्थानों मे सर्वत्र एक-एक पारणा जानना।</p> | ||
Line 12: | Line 12: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: आ]] | [[Category: आ]] | ||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 16:49, 5 January 2023
व्रतविधानसंग्रह/पृ.107।
गणना-कुलसमय = 119 दिन; उपवास = 100; पारणा 19।
सुदृष्टितरंगिणी/यंत्र-1,2,3,4,5,6,7,8,9,10; 9,8,7,6,5,4,3,2,1;
विधि - निर्भंग रूपेण एक उपवास एक पारणा, फिर दो उपवास एक पारणा, इस प्रकार ऊपर दर्शाये रूपसे बढ़ाता हुआ 10 उपवास एक पारणा, फिर घटाता हुआ अंत में एक उपवास एक पारणा करे। उपरोक्त अंक में अंकों से तो उतने-उतने उपवास जानना और बीच के (,) ऐसे स्थानों मे सर्वत्र एक-एक पारणा जानना।