उपपाद क्षेत्र: Difference between revisions
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<span class="GRef">धवला/4/1,3,2/29/6</span><p class=" PrakritText ">उववादो एयविहो। सो वि उप्पण्णपढमसमए चेव होदि।</p> | |||
<p class="HindiText"> उपपाद (अवस्थान क्षेत्र) एक प्रकार का है। और वह उत्पन्न होने (जन्मने) के पहले समय में ही होता है—इसमें जीव के समस्त प्रदेशों का संकोच हो जाता है।</p> | |||
<p class="HindiText">विस्तार के लिये देखें [[ क्षेत्र#1.11 | क्षेत्र - 1.11]]।</p> | |||
Latest revision as of 11:41, 24 January 2023
धवला/4/1,3,2/29/6
उववादो एयविहो। सो वि उप्पण्णपढमसमए चेव होदि।
उपपाद (अवस्थान क्षेत्र) एक प्रकार का है। और वह उत्पन्न होने (जन्मने) के पहले समय में ही होता है—इसमें जीव के समस्त प्रदेशों का संकोच हो जाता है।
विस्तार के लिये देखें क्षेत्र - 1.11।