विशेष गुण: Difference between revisions
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देखें [[ गुण#1 | गुण - 1]]। | <p class="HindiText"><span class="GRef"> नयचक्र बृहद्/11,13,15 </span><p class="PrakritText">सव्वेसिं सामण्णा दह भणिया सोलस विसेसा।11। णाणं दंसणसुहसत्तिरूपरसगंधफासगमण्णठिदी। वट्टणगाहणहेउं मुत्तममुत्तं खलु चेदणिदरं च।13। छ वि जीवपोग्गलाणं इयराण वि सेस तितिभेदा।15।</p><p class="HindiText">=सर्व द्रव्यों में '''विशेष गुण''' सोलह कहे गये हैं।11।–ज्ञान, दर्शन, सुख, वीर्य, रूप, रस, गंध, स्पर्श, गतिहेतुत्व, स्थितिहेतुत्व, वर्तनाहेतुत्व, अवगाहनाहेतुत्व, मूर्तत्व, अमूर्तत्व, चेतनत्व और अचेतनत्व।13। तिनिमें से जीव पुद्गल में तो छह छह है और शेष चार द्रव्यों में तीन-तीन।</p> | ||
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Latest revision as of 16:50, 30 January 2023
नयचक्र बृहद्/11,13,15
सव्वेसिं सामण्णा दह भणिया सोलस विसेसा।11। णाणं दंसणसुहसत्तिरूपरसगंधफासगमण्णठिदी। वट्टणगाहणहेउं मुत्तममुत्तं खलु चेदणिदरं च।13। छ वि जीवपोग्गलाणं इयराण वि सेस तितिभेदा।15।
=सर्व द्रव्यों में विशेष गुण सोलह कहे गये हैं।11।–ज्ञान, दर्शन, सुख, वीर्य, रूप, रस, गंध, स्पर्श, गतिहेतुत्व, स्थितिहेतुत्व, वर्तनाहेतुत्व, अवगाहनाहेतुत्व, मूर्तत्व, अमूर्तत्व, चेतनत्व और अचेतनत्व।13। तिनिमें से जीव पुद्गल में तो छह छह है और शेष चार द्रव्यों में तीन-तीन।
देखें गुण - 1।