कलि ओज: Difference between revisions
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<span class="GRef">धवला पुस्तक 10/4,2,4,3/23/1</span><span class="PrakritText"> जो रासी चदुहि अवहिरिज्जमाणो दोरूवग्गो होदि सो बादरजुम्मं। जो एगग्गो सो कलियोजो। जो तिग्गो सो तेजोजो। उक्तं च-चोद्दस बादरजुम्मं सोलस कदजुम्ममेत्थ कलियोजो। तेरस तेजोजो खलु पण्णरसेवं खु विण्णेया ।3।</span> | |||
<p class="HindiText">= जिस राशि को चार से अवहृत (भाग) करने पर दो रूप शेष रहते हैं वह बादरयुग्म कही जाती है। जिसको चार से अवहृत करने पर एक अंश शेष रहता है वह '''कलिओज''' राशि है। और जिसको चार से अवहृत करने पर तीन अंश शेष रहते हैं वह तेजोज-राशि है। कहा भी है-यहाँ चौदह को बादरयुग्म, सोलह को कृतयुग्म, तेरह को '''कलिओज''' और पंद्रह को तेजोज राशि जानना चाहिए। (क्योंकि 14 = (4X3)+2; 16 = (4X4)+0; 13 = (4X3)+1; 15 = (4X3)+3.)।</p><br> | |||
[[Category:क]] | <span class="HindiText"> देखें [[ ओज ]]।</span> | ||
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Latest revision as of 12:37, 15 February 2023
धवला पुस्तक 10/4,2,4,3/23/1 जो रासी चदुहि अवहिरिज्जमाणो दोरूवग्गो होदि सो बादरजुम्मं। जो एगग्गो सो कलियोजो। जो तिग्गो सो तेजोजो। उक्तं च-चोद्दस बादरजुम्मं सोलस कदजुम्ममेत्थ कलियोजो। तेरस तेजोजो खलु पण्णरसेवं खु विण्णेया ।3।
= जिस राशि को चार से अवहृत (भाग) करने पर दो रूप शेष रहते हैं वह बादरयुग्म कही जाती है। जिसको चार से अवहृत करने पर एक अंश शेष रहता है वह कलिओज राशि है। और जिसको चार से अवहृत करने पर तीन अंश शेष रहते हैं वह तेजोज-राशि है। कहा भी है-यहाँ चौदह को बादरयुग्म, सोलह को कृतयुग्म, तेरह को कलिओज और पंद्रह को तेजोज राशि जानना चाहिए। (क्योंकि 14 = (4X3)+2; 16 = (4X4)+0; 13 = (4X3)+1; 15 = (4X3)+3.)।
देखें ओज ।