काकावलोकन: Difference between revisions
From जैनकोष
RoshanJain (talk | contribs) mNo edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<span class="HindiText"> कायोत्सर्ग का अतिचार–देखें [[ | <span class="HindiText">मुनियों को उत्थित कायोत्सर्ग के दोषों का त्याग करना चाहिए। उन दोषों में से एक कौवे की भाँति दृष्टि को इतस्ततः फेंकते हुए खड़े होना '''काकावलोकन''' दोष है।</span> | ||
<span class="HindiText"> कायोत्सर्ग का अतिचार–देखें [[ व्युत्सर्ग#1 | व्युत्सर्ग - 1]]।</span> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Latest revision as of 14:14, 18 February 2023
मुनियों को उत्थित कायोत्सर्ग के दोषों का त्याग करना चाहिए। उन दोषों में से एक कौवे की भाँति दृष्टि को इतस्ततः फेंकते हुए खड़े होना काकावलोकन दोष है।
कायोत्सर्ग का अतिचार–देखें व्युत्सर्ग - 1।