कुअवधिज्ञान: Difference between revisions
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<p><span class="GRef"> पंचसंग्रह / प्राकृत 1/120 </span><p class="PrakritText">विवरीओहिणाणं खओवसमियं च कंबीजं च। वेभंगो त्ति व बुच्चइ समत्तणाणीहिं समयम्हि।</p> | |||
<p class="HindiText">= जो क्षयोपशम अवधिज्ञान मिथ्यात्व से संयुक्त होने के कारण विपरीत स्वरूप है, और नवीन कर्म का बीज है उसे आगम में '''कुअवधि या विभंग ज्ञान''' कहा गया है।</p> | |||
<p class="HindiText">देखें [[ अवधिज्ञान ]]।</p> | |||
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Latest revision as of 14:24, 22 March 2023
पंचसंग्रह / प्राकृत 1/120
विवरीओहिणाणं खओवसमियं च कंबीजं च। वेभंगो त्ति व बुच्चइ समत्तणाणीहिं समयम्हि।
= जो क्षयोपशम अवधिज्ञान मिथ्यात्व से संयुक्त होने के कारण विपरीत स्वरूप है, और नवीन कर्म का बीज है उसे आगम में कुअवधि या विभंग ज्ञान कहा गया है।
देखें अवधिज्ञान ।