कुत्सा: Difference between revisions
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<span class="GRef"> राजवार्तिक/8/9/4/574/18 </span><span class="SanskritText"> कुत्साप्रकारो जुगुप्सा। ...आत्मीयदोषसंवरणं जुगुप्सा, परकीयकुलशीलादिदोषाविष्करणावक्षेपणभर्त्सनप्रवणा '''कुत्सा'''।</span> =<span class="HindiText">'''कुत्सा''' या ग्लानि को जुगुप्सा कहते हैं। तहाँ अपने दोषों को ढाँकना जुगुप्सा है, तथा दूसरे के कुल-शील आदि में दोष लगाना, आक्षेप करना भर्त्सना करना '''कुत्सा''' है।</span><br /> | |||
<span class="HindiText"> देखें [[ जुगुप्सा ]]। | |||
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Latest revision as of 09:57, 23 March 2023
राजवार्तिक/8/9/4/574/18 कुत्साप्रकारो जुगुप्सा। ...आत्मीयदोषसंवरणं जुगुप्सा, परकीयकुलशीलादिदोषाविष्करणावक्षेपणभर्त्सनप्रवणा कुत्सा। =कुत्सा या ग्लानि को जुगुप्सा कहते हैं। तहाँ अपने दोषों को ढाँकना जुगुप्सा है, तथा दूसरे के कुल-शील आदि में दोष लगाना, आक्षेप करना भर्त्सना करना कुत्सा है।
देखें जुगुप्सा ।