कुलचर्या क्रिया: Difference between revisions
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<span class="HindiText"><strong>19. कुलचर्या क्रिया</strong> - अपनी कुल परंपरा के अनुसार देव पूजादि गृहस्थ के षट्कर्मों को यथाविधि नित्य पालता है यही कुलचर्या है।142-143।</span><br> | |||
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महापुराण/38/70-310 आधानं नाम गर्भादौ संस्कारो मंत्रपूर्वक:। पत्नीमृतुमतीं स्नातां पुरस्कृत्यार्हदिज्यया।70। ...अत्रापि पूर्ववद्दानं जैनी पूजा च पूर्ववत् । इष्टबंधसमाह्वानं समाशादिश्च लक्ष्यताम् ।97। ...क्रियाग्रनिर्वृतिर्नाम परानिर्वाणमायुष:। स्वभावजनितामूर्ध्वव्रज्यामास्कनदतो मता।309।
गर्भान्वय की 53 क्रियाओं मेें से 19 वीं क्रिया -
19. कुलचर्या क्रिया - अपनी कुल परंपरा के अनुसार देव पूजादि गृहस्थ के षट्कर्मों को यथाविधि नित्य पालता है यही कुलचर्या है।142-143।
देखें संस्कार - 2।