क्षेत्र 04 -1: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(6 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
4.<span class="HindiText"> क्षेत्र प्ररूपणाएँ</span></strong> | 4.<span class="HindiText" name="4" id="4">क्षेत्र प्ररूपणाएँ</span></strong> | ||
<ol> | <ol> | ||
<li><span class="HindiText" id="4.1" name="4.1"><strong name="4.1" id="4.1">सारणी में प्रयुक्त संकेत परिचय</strong> </span></li> | <li><span class="HindiText" id="4.1" name="4.1"><strong name="4.1" id="4.1">सारणी में प्रयुक्त संकेत परिचय</strong> </span></li> | ||
Line 74: | Line 74: | ||
<p class="HindiText">और भी देखो आगे।<br /> | <p class="HindiText">और भी देखो आगे।<br /> | ||
नोट—क 2 इत्यादि को क2 इत्यादि रूप ग्रहण करो<br /> | नोट—क 2 इत्यादि को क2 इत्यादि रूप ग्रहण करो<br /> | ||
मा/क | मा/क [[File:JSKHtmlSample_clip_image002_0038.gif ]]×[[File:JSKHtmlSample_clip_image004_0003.gif ]]×क×सं.प्रतरांगुल×1 राजू=मारणांतिक समुद्घात संबंधी क्षेत्र। <br /> | ||
उप/क | उप/क [[File:JSKHtmlSample_clip_image006_0002.gif ]]×[[File:JSKHtmlSample_clip_image008_0002.gif ]]×सं.प्रतरांगुल×1 राजू=उपपाद क्षेत्र। <br /> | ||
मा/ख | मा/ख [[File:JSKHtmlSample_clip_image010_0004.gif ]]×क-1×सं.प्रतरांगुल×1 राजू= मारणांतिक समुद्घात संबंधी क्षेत्र। <br /> | ||
उप/ख | उप/ख [[File:JSKHtmlSample_clip_image012_0018.gif ]]×क-1×संख्यात प्रतरांगुल×3 राजू=उपपाद क्षेत्र।<br /> | ||
मा/ग | मा/ग [[File:JSKHtmlSample_clip_image014_0004.gif ]]×क-1×संख्यात प्रतरांगुल×1 राजू= मारणांतिक समुद्घात संबंधी क्षेत्र। <br /> | ||
उप/ग | उप/ग [[File:JSKHtmlSample_clip_image016_0002.gif ]]×क-1×संख्यात प्रतरांगुल×1 राजू= उपपाद क्षेत्र। </p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ क्षेत्र 03 | पूर्व पृष्ठ ]] | [[ क्षेत्र 03 | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ क्षेत्र 04 -2 | [[ क्षेत्र 04 -2 | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: क्ष]] | [[Category: क्ष]] | ||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 10:29, 17 April 2023
4.क्षेत्र प्ररूपणाएँ
- सारणी में प्रयुक्त संकेत परिचय
सर्व |
सर्व लोक |
त्रि |
त्रिलोक अर्थात् सर्वलोक |
ति |
तिर्यक्लोक (एक राजू×9900योजना) |
द्वि |
ऊर्ध्व व अधो दो लोक। |
च |
चतु लोक अर्थात् मनुष्य लोक रहित सर्व लोक |
म |
मनुष्य लोक या अढ़ाई द्वीप। |
असं |
असंख्यात। |
सं |
संख्यात। |
सं.ब. |
संख्यात बहुभाग। |
सं.घ. |
संख्यात घनांगुल। |
/ |
भाग |
× |
गुणा। |
क |
पल्योपम का असंख्यात बहु भाग। |
ख |
पल्योपम का असंख्यातवाँ भाग। |
स्व ओघ |
गुणस्थान निरपेक्ष अपनी अपनी सामान्य प्ररूपणा। |
मूलोघ |
गुणस्थानों की मूल प्रथम प्ररूपण। |
और भी देखो आगे।
नोट—क 2 इत्यादि को क2 इत्यादि रूप ग्रहण करो
मा/क File:JSKHtmlSample clip image002 0038.gif×File:JSKHtmlSample clip image004 0003.gif×क×सं.प्रतरांगुल×1 राजू=मारणांतिक समुद्घात संबंधी क्षेत्र।
उप/क File:JSKHtmlSample clip image006 0002.gif×File:JSKHtmlSample clip image008 0002.gif×सं.प्रतरांगुल×1 राजू=उपपाद क्षेत्र।
मा/ख File:JSKHtmlSample clip image010 0004.gif×क-1×सं.प्रतरांगुल×1 राजू= मारणांतिक समुद्घात संबंधी क्षेत्र।
उप/ख File:JSKHtmlSample clip image012 0018.gif×क-1×संख्यात प्रतरांगुल×3 राजू=उपपाद क्षेत्र।
मा/ग ×क-1×संख्यात प्रतरांगुल×1 राजू= मारणांतिक समुद्घात संबंधी क्षेत्र।
उप/ग File:JSKHtmlSample clip image016 0002.gif×क-1×संख्यात प्रतरांगुल×1 राजू= उपपाद क्षेत्र।