गुरु पूजन क्रिया: Difference between revisions
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<strong><span class="GRef"> सर्वार्थसिद्धि/6/5/321-323/11 </span></strong> <span class="SanskritText">पंचविंशति: क्रिया उच्यंते-चैत्यगुरुप्रवचनपूजादिलक्षणा सम्यक्त्ववर्धनीक्रिया सम्यक्त्वक्रिया। ......समुदिता: पंचविंशतिक्रिया:।</span>=<span class="HindiText">चैत्य, '''गुरु''' और शास्त्र की '''पूजा''' आदि रूप सम्यक्त्व को बढ़ानेवाली <strong>सम्यक्त्व क्रिया</strong> है। ......। ये सब मिलकर पच्चीस क्रियाएँ होती हैं। </span> | |||
<span class="HindiText">देखें [[ क्रिया#3 | क्रिया - 3]]।</span> | |||
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Latest revision as of 19:52, 19 April 2023
सर्वार्थसिद्धि/6/5/321-323/11 पंचविंशति: क्रिया उच्यंते-चैत्यगुरुप्रवचनपूजादिलक्षणा सम्यक्त्ववर्धनीक्रिया सम्यक्त्वक्रिया। ......समुदिता: पंचविंशतिक्रिया:।=चैत्य, गुरु और शास्त्र की पूजा आदि रूप सम्यक्त्व को बढ़ानेवाली सम्यक्त्व क्रिया है। ......। ये सब मिलकर पच्चीस क्रियाएँ होती हैं।
देखें क्रिया - 3।