गोपुच्छा: Difference between revisions
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<p class="HindiText">–(गुणश्रेणी क्रम को छोड़) जहाँ विशेष (चय) घटता क्रम लीएँ (अल्पबहुत्व) होइ तहाँ गोपुच्छा संज्ञा है। (क्ष.सा/भाषा/524)–विवक्षित एक संग्रह कृष्टिविषै जो अंतरकृष्टीनि के विशेष (चय) घटता क्रम पाइये है सो यहाँ स्वस्थान गोपुच्छा कहिए है। और निचली विवक्षित संग्रह कृष्टि की अंतकृष्टितै ऊपर की अन्य संग्रहकृष्टि की आदि कृष्टि के विशेष घटता क्रम पाइए है सो यहाँ परस्थान गोपुच्छा कहिए।</p> | |||
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क्षपणसार/भाषा/593
–(गुणश्रेणी क्रम को छोड़) जहाँ विशेष (चय) घटता क्रम लीएँ (अल्पबहुत्व) होइ तहाँ गोपुच्छा संज्ञा है। (क्ष.सा/भाषा/524)–विवक्षित एक संग्रह कृष्टिविषै जो अंतरकृष्टीनि के विशेष (चय) घटता क्रम पाइये है सो यहाँ स्वस्थान गोपुच्छा कहिए है। और निचली विवक्षित संग्रह कृष्टि की अंतकृष्टितै ऊपर की अन्य संग्रहकृष्टि की आदि कृष्टि के विशेष घटता क्रम पाइए है सो यहाँ परस्थान गोपुच्छा कहिए।