चारित्र भूषण: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(One intermediate revision by one other user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
इनके मुख से ही स्वामी समंतभद्र कृत देवागम स्तोत्र का पाठ सुनकर श्लोकवार्तिककार श्री विद्यानंदि आचार्य जिन दीक्षित हो गये थे। | <p class="HindiText">इनके मुख से ही स्वामी समंतभद्र कृत देवागम स्तोत्र का पाठ सुनकर श्लोकवार्तिककार श्री विद्यानंदि आचार्य जिन दीक्षित हो गये थे। आचार्य विद्यानंदि जी के अनुसार आपका समय ई.750-815 आता है। </p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 8: | Line 8: | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: च]] | [[Category: च]] | ||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 17:05, 12 May 2023
इनके मुख से ही स्वामी समंतभद्र कृत देवागम स्तोत्र का पाठ सुनकर श्लोकवार्तिककार श्री विद्यानंदि आचार्य जिन दीक्षित हो गये थे। आचार्य विद्यानंदि जी के अनुसार आपका समय ई.750-815 आता है।