इंद्रोपपाद: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
J2jinendra (talk | contribs) No edit summary |
||
(7 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
गर्भान्वयादि | <p class="HindiText">गर्भान्वयादि की 53 क्रियाओं में से एक इंद्रोपपपाद क्रिया है, (उपरोक्त) तप के प्रभाव से वैमानिक देवों के इंद्र रूप से उत्पाद होना। <span class="GRef">महापुराण/38/190-194</span>। </p><br> | ||
[[Category:इ]] | <p class="HindiText">-अधिक जानकारी के लिये देखें [[ संस्कार#2 | संस्कार - 2]]।</p> | ||
<noinclude> | |||
[[ इंद्रिय प्रमाण | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ इकट्ठी | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: इ]] | |||
[[Category: चरणानुयोग]] |
Latest revision as of 12:21, 20 July 2023
गर्भान्वयादि की 53 क्रियाओं में से एक इंद्रोपपपाद क्रिया है, (उपरोक्त) तप के प्रभाव से वैमानिक देवों के इंद्र रूप से उत्पाद होना। महापुराण/38/190-194।
-अधिक जानकारी के लिये देखें संस्कार - 2।