द्रव्य निर्जरा: Difference between revisions
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<span class="GRef"> द्रव्यसंग्रह टीका/36/150/10 </span><span class="SanskritText"> भावनिर्जरा। सा का। ...येन भावेन जीवपरिणामेन। किं भवति ‘सडदि’ विशीयते पतति गलति वियति। किं कर्तृ ‘कम्मपुग्गलं’ ...कर्म्मणो गलनं यच्च सा द्रव्यनिर्जरा।</span> =<span class="HindiText">जीव के जिन शुद्ध परिणामों से पुद्गल कर्म झड़ते हैं वे जीव के परिणाम भाव निर्जरा हैं और जो कर्म झड़ते हैं वह '''द्रव्य निर्जरा''' है।</span><br> | |||
<span class="HindiText">अधिक जानकारी के लिये देखें [[ निर्जरा#1 | निर्जरा - 1]]।</span> | |||
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Latest revision as of 13:44, 9 August 2023
द्रव्यसंग्रह टीका/36/150/10 भावनिर्जरा। सा का। ...येन भावेन जीवपरिणामेन। किं भवति ‘सडदि’ विशीयते पतति गलति वियति। किं कर्तृ ‘कम्मपुग्गलं’ ...कर्म्मणो गलनं यच्च सा द्रव्यनिर्जरा। =जीव के जिन शुद्ध परिणामों से पुद्गल कर्म झड़ते हैं वे जीव के परिणाम भाव निर्जरा हैं और जो कर्म झड़ते हैं वह द्रव्य निर्जरा है।
अधिक जानकारी के लिये देखें निर्जरा - 1।