अरिकेसरी: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(10 intermediate revisions by 3 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p class="HindiText"> आप चालुक्यवंशी राजा थे। इनका पुत्र `वद्दिग' था जो कृष्णराज तृतीय के आधीन था। तदनुसार इनका समय वि.998 (ई.949-974) आता है। इनके समयमें कन्नड़ और जैन कवि `पंप; ने `विक्रमार्जन विजय' नामका ग्रंथ लिखकर पूरा किया था।</p> | |||
<p>(यशस्तिलक | <p><span class="GRef">(यशस्तिलक चंपू/प्र.20/-पं. सुंदरलाल)</span></p> | ||
<noinclude> | <noinclude> | ||
[[ | [[ अरिंदम | पूर्व पृष्ठ ]] | ||
[[ | [[ अरिजंय | अगला पृष्ठ ]] | ||
</noinclude> | </noinclude> | ||
[[Category: अ]] | [[Category: अ]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] | |||
[[Category: इतिहास]] |
Latest revision as of 22:15, 17 November 2023
आप चालुक्यवंशी राजा थे। इनका पुत्र `वद्दिग' था जो कृष्णराज तृतीय के आधीन था। तदनुसार इनका समय वि.998 (ई.949-974) आता है। इनके समयमें कन्नड़ और जैन कवि `पंप; ने `विक्रमार्जन विजय' नामका ग्रंथ लिखकर पूरा किया था।
(यशस्तिलक चंपू/प्र.20/-पं. सुंदरलाल)