कर्षप: Difference between revisions
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यक्षस्थान नगर का निवासी और सुरप का सहोदर । इन दोनों भाइयों ने मूल्य देकर किसी शिकारी द्वारा पकड़े गये पक्षी को मुक्त कराया था । परिणाम स्वरूप पक्षी ने अपनी सेनापति की पर्याय में, जब ये दोनों मुनि अवस्था में थे, इन दोनों की रक्षा की थी । पद्मपुराण - 39.137-140