कांचनभद्र: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> अयोध्या-निवासी समुद्र (सेठ) तथा उसकी भार्या धारिणी का पुत्र तथा पूर्णभद्र का अनुज । श्रावकधर्म धारण करने के प्रभाव से ये दोनों भाई सौधर्म स्वर्ग में देव हुए । वहाँ से च्युत होकर ये पुन: अयोध्या में ही राजा हेमनाभ और उसकी रानी अमरावती के <span class="GRef"> महापुराण </span>और कैटभ नाम से प्रसिद्ध पुत्र हुए । <span class="GRef"> पद्मपुराण 109.129-132 </span> | <span class="HindiText"> अयोध्या-निवासी समुद्र (सेठ) तथा उसकी भार्या धारिणी का पुत्र तथा पूर्णभद्र का अनुज । श्रावकधर्म धारण करने के प्रभाव से ये दोनों भाई सौधर्म स्वर्ग में देव हुए । वहाँ से च्युत होकर ये पुन: अयोध्या में ही राजा हेमनाभ और उसकी रानी अमरावती के <span class="GRef"> महापुराण </span>और कैटभ नाम से प्रसिद्ध पुत्र हुए । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_109#129|पद्मपुराण - 109.129-132]] </span> | ||
Latest revision as of 22:17, 17 November 2023
अयोध्या-निवासी समुद्र (सेठ) तथा उसकी भार्या धारिणी का पुत्र तथा पूर्णभद्र का अनुज । श्रावकधर्म धारण करने के प्रभाव से ये दोनों भाई सौधर्म स्वर्ग में देव हुए । वहाँ से च्युत होकर ये पुन: अयोध्या में ही राजा हेमनाभ और उसकी रानी अमरावती के महापुराण और कैटभ नाम से प्रसिद्ध पुत्र हुए । पद्मपुराण - 109.129-132