वल्लभिका: Difference between revisions
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<li> इंद्रों को प्रीति उत्पन्न करने वाली तथा उन्हें अपनी विक्रिया, प्रभाव, रूप, स्पर्श तथा गंध से रमाने वाली, उनके अभिप्राय के अनुसार 16000 विक्रियाएँ उत्पन्न करने वाली वल्लभिका देवियाँ होती हैं । ( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/11/262-267 ) । </li> | <li> इंद्रों को प्रीति उत्पन्न करने वाली तथा उन्हें अपनी विक्रिया, प्रभाव, रूप, स्पर्श तथा गंध से रमाने वाली, उनके अभिप्राय के अनुसार 16000 विक्रियाएँ उत्पन्न करने वाली वल्लभिका देवियाँ होती हैं । <span class="GRef">( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/11/262-267 )</span> । </li> | ||
<li> प्रत्येक इंद्र की वल्लभिका देवियाँ । - देखें [[ देवगति का वह ]]वह नाम । </li> | <li> प्रत्येक इंद्र की वल्लभिका देवियाँ । - देखें [[ देवगति का वह ]]वह नाम । </li> | ||
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Latest revision as of 22:35, 17 November 2023
- इंद्रों को प्रीति उत्पन्न करने वाली तथा उन्हें अपनी विक्रिया, प्रभाव, रूप, स्पर्श तथा गंध से रमाने वाली, उनके अभिप्राय के अनुसार 16000 विक्रियाएँ उत्पन्न करने वाली वल्लभिका देवियाँ होती हैं । ( जंबूद्वीपपण्णत्तिसंगहो/11/262-267 ) ।
- प्रत्येक इंद्र की वल्लभिका देवियाँ । - देखें देवगति का वह वह नाम ।