सूर्योदय: Difference between revisions
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(3) विनीता नगरी के राजा सुप्रभ और रानी प्रह्लादना का पुत्र । चंद्रोदय का यह बड़ा भाई था । ये दोनों भाई तीर्थंकर वृषभदेव के साथ दीक्षित हो गये थे किंतु मुनि पद पर स्थिर न रह सके । अंत में भ्रष्ट होकर वे मरीचि के शिष्य हो गये थे । यह मरकर राजा हरपति का कुलंकर नाम का पुत्र हुआ । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_85#45|पद्मपुराण - 85.45-50]] </span></p> | |||
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Latest revision as of 22:36, 17 November 2023
(1) एक सुगंधित चूर्ण । जीवंधरकुमार ने सुगंधि में इसकी अपेक्षा चंद्रोदय चूर्ण को परीक्षा करके अधिक श्रेष्ठ बताया था । महापुराण 75.348-357
(2) विद्याधरों का नगर । यहाँ का राजा सेना सहित रावण के पास आया था । पद्मपुराण -8. 362, 55.85, 88
(3) विनीता नगरी के राजा सुप्रभ और रानी प्रह्लादना का पुत्र । चंद्रोदय का यह बड़ा भाई था । ये दोनों भाई तीर्थंकर वृषभदेव के साथ दीक्षित हो गये थे किंतु मुनि पद पर स्थिर न रह सके । अंत में भ्रष्ट होकर वे मरीचि के शिष्य हो गये थे । यह मरकर राजा हरपति का कुलंकर नाम का पुत्र हुआ । पद्मपुराण - 85.45-50