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| <ol start='3'>
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| <li class="HindiText"><strong>स्पर्श विषयक प्ररूपणाएँ</strong></li>
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| <ol>
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| <li class="HindiText">[[ #3.1 | सारणी में प्रयुक्त संकेत सूची]]</li>
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| <li class="HindiText">[[ #3.2 | जीवों के वर्तमान काल स्पर्श की ओघ प्ररूपणा]]</li>
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| <li class="HindiText">[[ #3.3 | जीवों के अतीत कालीन स्पर्श की ओघ प्ररूपणा]]</li>
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| <li class="HindiText">[[ #3.4 | जीवों की अतीत कालीन स्पर्श की आदेश प्ररूपणा]]</li>
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| <li class="HindiText">[[ #3.5 | अष्टकर्मों के चतु.बंधकों की ओघ प्ररूपणा]]</li>
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| <li class="HindiText">[[ #3.6 | मोहनीय सत्कर्मिक बंधकों की ओघ आदेश प्ररूपणा]]</li>
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| <li class="HindiText">[[ #3.7 | अन्य प्ररूपणाओं की सूची]]</li>
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| </ol>
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| /ol>
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| <p class="HindiText" id="3"><strong>स्पर्श विषयक प्ररूपणाएँ</strong></p> | | <p class="HindiText" id="3"><strong>स्पर्श विषयक प्ररूपणाएँ</strong></p> |
| <p class="HindiText" id="3.1"><strong>1. सारणी में प्रयुक्त संकेत सूची</strong></p> | | <p class="HindiText" id="3.1"><strong>1. सारणी में प्रयुक्त संकेत सूची</strong></p> |
Line 114: |
Line 102: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td><strong>ध4/पृ.</strong></td> | | <td><strong>ध.4/पृ.</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 432: |
Line 420: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td> </td>
| | <td colspan="13"><p id="3.4.1"><b>1.गति मार्गणा-</b></td> |
| <td> </td>
| | </tr> |
| <td colspan="11"><p>1.गतिमार्गणा-</p>1.नरकगति-</td> | | |
| | <tr class="center"> |
| | <td colspan="13"><p id="3.4.1.1"><b>1.नरक गति-<b></td> |
| </tr> | | </tr> |
| | |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td> </td> | | <td> </td> |
Line 658: |
Line 649: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td> </td>
| | <td colspan="13" id="3.4.1.2"><b>2.तिर्यंच गति-</b></td> |
| <td> </td>
| |
| <td colspan="11">2.तिर्यंचगति-</td> | |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 888: |
Line 877: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="13"><strong>3. मनुष्यगति</strong>-</td> | | <td colspan="13" id="3.4.1.3"><strong>3. मनुष्य गति</strong>-</td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 1,078: |
Line 1,067: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="12"><strong>4. देवगति-</strong></td> | | <td colspan="13" id ="3.4.1.4"><strong >4. देवगति-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 1,555: |
Line 1,544: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="12"><strong>2. इंद्रिय मार्गणा-</strong></td> | | <td colspan="13" id = "3.4.2"><strong>2. इंद्रिय मार्गणा-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 1,688: |
Line 1,677: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="12"><strong>3. काय मार्गणा-</strong></td> | | <td colspan="13" id = "3.4.3"><strong>3. काय मार्गणा-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 2,091: |
Line 2,080: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="12"><strong>4. योग मार्गणा-</strong></td> | | <td colspan="13" id = "3.4.4"><strong>4. योग मार्गणा-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td> </td> | | <td> </td> |
| <td>412</td> | | <td>412</td> |
| <td>पाँचों मनयोगी, वचनयोगी</td> | | <td>पाँचों मनयोगी, वचनयोगी</td> |
| <td> </td> | | <td> </td> |
| <td>त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं.</td> | | <td>त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं.</td> |
Line 2,368: |
Line 2,357: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td><strong>स.1पृ.</strong></td> | | <td><strong>स.1 पृ.</strong></td> |
| <td><strong>स.2पृ.</strong></td> | | <td><strong>स.2 पृ.</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 2,530: |
Line 2,519: |
| <td>270</td> | | <td>270</td> |
| <td> </td> | | <td> </td> |
| <td>कार्माणकाय योग</td> | | <td>कार्माण काययोग</td> |
| <td>1</td> | | <td>1</td> |
| <td>सर्व</td> | | <td>सर्व</td> |
Line 2,598: |
Line 2,587: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td> </td>
| | <td colspan="13" id = "3.4.5"><b>5. वेद मार्गणा-</b></td> |
| <td colspan="12">5. वेद मार्गणा-</td> | |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 2,874: |
Line 2,862: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="14">6. <strong>कषाय मार्गणा-</strong></td> | | <td colspan="13" id = "3.4.6"> <strong>6.कषाय मार्गणा-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 2,934: |
Line 2,922: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td>7.</td>
| | <td colspan="13" id="3.4.7"><strong>7. ज्ञान मार्गणा-</strong></td> |
| <td colspan="13"><strong>ज्ञान मार्गणा-</strong></td> | |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 3,106: |
Line 3,093: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="11"><strong>8. संयम मार्गणा-</strong></td> | | <td colspan="11" id="3.4.8"><strong>8. संयम मार्गणा-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 3,303: |
Line 3,290: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="13"><strong>9. दर्शन मार्गणा-</strong></td> | | <td colspan="13" id="3.4.9"><strong>9. दर्शन मार्गणा-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 3,417: |
Line 3,404: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td><strong>10</strong>.</td>
| | <td colspan="13" id="3.4.10" ><strong>10. लेश्या मार्गणा-</strong></td> |
| <td> </td>
| |
| <td colspan="11" style="width:936px;"><strong>लेश्या मार्गणा-</strong></td> | |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 3,783: |
Line 3,768: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="18"><strong>11. भव्य मार्गणा-</strong></td> | | <td colspan="18" id="3.4.11"><strong>11. भव्य मार्गणा-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 3,838: |
Line 3,823: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="18"><strong>12. सम्यक्त्व मार्गणा-</strong></td> | | <td colspan="18" id="3.4.12"><strong>12. सम्यक्त्व मार्गणा-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 4,118: |
Line 4,103: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="12"><strong>13. संज्ञी मार्गणा-</strong></td> | | <td colspan="12" id="3.4.13"><strong>13. संज्ञी मार्गणा-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 4,186: |
Line 4,171: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="12"><strong>14. आहारक मार्गणा-</strong></td> | | <td colspan="12" id="3.4.14"><strong>14. आहारक मार्गणा-</strong></td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 4,358: |
Line 4,343: |
| </tr> | | </tr> |
| </table><br/> | | </table><br/> |
| <p class="HindiText" id="3.5"><strong>5. अष्टकर्मों के चतु.बंधकों की ओघ प्ररूपणा-(<span class="GRef"> महाबंध/ </span>पु./.../पृ...)</strong></p> | | <p class="HindiText" id="3.5"><strong>5. अष्टकर्मों के चतु.बंधकों की ओघ प्ररूपणा-<span class="GRef">( महाबंध/पुस्तक/.../पृष्ठ... )</span></strong></p> |
| <table border="1" class="HindiText"> | | <table border="1" class="HindiText"> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
Line 4,420: |
Line 4,405: |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
| <td colspan="12" id="3.6"><strong>6. मोहनीय सत्कर्मिक बंधकों की ओघ आदेश प्ररूपणा-</strong>(<span class="GRef"> कषायपाहुड़/ </span>पु./.../पृ....)</td> | | <td colspan="12" id="3.6"><strong>6. मोहनीय सत्कर्मिक बंधकों की ओघ आदेश प्ररूपणा-</strong><span class="GRef">( कषायपाहुड़/ </span>पु./.../पृ....)</td> |
| </tr> | | </tr> |
| <tr class="center"> | | <tr class="center"> |
स्पर्श विषयक प्ररूपणाएँ
1. सारणी में प्रयुक्त संकेत सूची
/ |
भाग |
÷ |
भाग |
x |
गुणा |
ऽ |
किंचिदूण |
8/14/लोक. |
लोक का /14 भाग |
अप. |
अपर्याप्त |
असं. |
असंख्यात |
च. |
चतुलोक (मनुष्य लोक रहित सर्व लोक) |
ज.प्र. |
जगत्प्रतर |
ति. |
तिर्यक् लोक |
त्रि. |
त्रिलोक या सर्व लोक |
द्वि. |
ऊर्ध्व व अधो ये दो लोक |
प. |
पर्याप्त |
पृ. |
पृथिवी |
बा. |
बादर |
म. |
मनुष्य लोक (अढाई द्वीप) |
व. |
वनस्पति |
सर्व. |
सर्व लोक (343 घन राजू) |
सं. |
संख्यात |
सं.घ. |
संख्यात घनांगुल |
सा. |
सामान्य |
2. जीवों के वर्तमान काल स्पर्श की ओघ प्ररूपणा- (धवला 4/1,4,2-10/145-173)
प्रमाण |
गुणस्थान |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
ध.4/पृ. |
148 |
मिथ्यादृष्टि |
1 |
सर्व |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
त्रि./असं.,ति./स.म/असं. |
सर्व |
मारणांतिकवत् |
... |
149 |
सासादन |
2 |
च./असं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
मारणांतिकवत् |
... |
166 |
सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
3 |
च./असं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
... |
... |
... |
166 |
असंयत सम्यग्दृष्टि |
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
मारणांतिकवत् |
... |
167 |
संयतासंयत |
5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
... |
170 |
प्रमत्त संयत |
6 |
च./असं.,म.×सं. |
च./असं.,म.×सं. |
च./असं.,म.×सं. |
च./असं.,म.×सं. |
च./असं.,म.×असं. |
...तैजस=च./असं.,म.×सं.आहारक=च./असं.,म.×सं. |
170 |
अप्रमत्त संयत |
7 |
च./असं.,म.×सं. |
च./असं.,म.×सं. |
... |
... |
च./असं.,म.×असं. |
... |
... |
170 |
उपशामक |
8-11 |
च./असं.,म.×सं. |
... |
... |
... |
च./असं.,म.×असं. |
... |
... |
170 |
क्षपक |
8-12 |
च./असं.,म.×सं. |
... |
... |
... |
... |
... |
... |
172 |
सयोगकेवली |
13 |
च./असं.,म.×सं. |
च./असं.,म.×सं. |
... |
... |
... |
...दंड=च./असं.,म.×असं.कपाट-कायोत्सर्ग=4500,000यो./1 ज.प्र. उपविष्ट=9000,000यो.×1ज.प्र.प्रतर=वातवलयरहित सर्व लोकपूरण=सर्व |
172 |
अयोगकेवली |
14 |
च./असं.,म.×सं. |
... |
... |
... |
... |
... |
... |
3. जीवों के अतीत कालीन स्पर्श की ओघ प्ररूपणा- (धवला 4/1,4,2-10/145-173)
प्रमाण |
गुणस्थान |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
धवला 4/ पृ. |
148 |
मिथ्यादृष्टि |
1 |
सर्व |
ऽ लोक |
सर्व |
ऽ लोक |
सर्व |
मारणांतिकवत् |
... |
149, 162-165 |
सासादन |
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
166-167 |
सम्यग्मिथ्यादृष्टि |
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
... |
167 |
असंयत सम्यग्दृष्टि |
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
168 |
संयतासंयत |
5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं., ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं., ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं., ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
... |
171 |
प्रमत्त संयत |
6 |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म.×सं. |
सर्व मनुष्य लोक |
च./असं.,म.×असं. |
...तैजस= च./असं., म.×असं.आहारक = च./असं., म.×असं. |
171 |
अप्रमत्त संयत |
7 |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
... |
... |
च./असं.,म.×असं. |
...तैजस= च./असं., म.×असं. |
171 |
उपशामक |
8-11 |
च./असं.,म./सं. |
... |
... |
... |
च./असं.,म.×असं. |
... |
... |
171 |
क्षपक |
8-12 |
च./असं.,म./सं. |
... |
... |
... |
... |
... |
... |
172 |
सयोग केवली |
13 |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म.×सं. |
... |
... |
... |
...दंड = च./असं.,म.×असं. कपाट- ... कायोत्सर्ग=4500,000यो.×1ज.प्र.उपविष्ट=9000,000यो.×1ज.प्र.प्रतर=वातवलय रहित सर्व लोकपूरण=सर्व |
172 |
अयोग केवली |
14 |
च./असं.,म./सं. |
... |
... |
... |
... |
... |
... |
4. जीवों की अतीत कालीन स्पर्श की आदेश प्ररूपणा 1= (षट्खंडागम 4/1,4, सूत्र 11-185/173-309); 2= (षट्खंडागम/7/2,7, सूत्र 1-279/367-461)
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
नं.1पृ. |
नं.2पृ. |
1.गति मार्गणा- |
1.नरक गति- |
|
368 |
सामान्य |
|
च./असं.; म×असं. |
च./असं.; म×असं. |
च./असं.,म×असं. |
च./असं.,म×असं. |
संख्यात सहस्र-6/14 योजन |
मारणांतिकवत् |
... |
|
370 |
प्रथम पृथिवी |
|
च./असं.,म×असं. |
च./असं.,म×असं. |
च./असं., म×असं. |
च./असं., म×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म×असं. |
मारणांतिकवत् |
... |
|
373 |
2-7 पृथिवी |
|
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं.; म×असं. |
च/असं.; म×असं. |
(कुछ कम ,,,,, लोक) |
मारणांतिकवत् |
... |
171 |
|
सामान्य |
1 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
मारणांतिकवत् |
... |
177 |
|
|
2 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
लोक |
... |
... |
179 |
|
|
3 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
... |
... |
... |
179 |
|
|
4 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं |
मारणांतिकवत् |
... |
182 |
|
प्रथम पृथिवी |
1 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
त्रि./असं., ति./सं.,म.×असं. |
च./असं., म./असं. |
... |
186 |
|
|
2 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
त्रि./असं., ति./सं.,म.×असं. |
|
... |
187 |
|
|
3 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
... |
... |
... |
187 |
|
|
4 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म./असं. |
च./असं., म.×असं. |
मारणांतिकवत् |
... |
188 |
|
2-6 पृथिवी |
1 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
क्रमेण,,,, लोक |
मारणांतिकवत् |
... |
188 |
|
|
2 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
क्रमेण,,,, लोक |
... |
... |
189 |
|
|
3 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
... |
... |
... |
189 |
|
|
4 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं |
... |
... |
190 |
|
7वीं पृथिवी |
1 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
मारणांतिकवत् |
... |
191 |
|
|
2-4 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
× |
... |
... |
2.तिर्यंच गति- |
|
375 |
सामान्य |
|
सर्व |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
त्रि./सं., द्वि.×असं. |
सर्व |
मारणांतिकवत् |
... |
|
376 |
पंचेंद्रिय तिर्य.; पंचें. पर्याप्त; पंचें.योनिमति |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
मारणांतिकवत् |
... |
|
378 |
पंचें.तिर्य.अप. |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
× |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
|
सर्व |
मारणांतिकवत् |
... |
192 |
|
सामान्य |
1 |
सर्व |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
त्रि./सं., ति.×असं., म.×असं. |
सर्व |
मारणांतिकवत् |
... |
193 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं., ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं., ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं., ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक (पृ.204) |
लोक (पृ.205) |
... |
विहारवत् स्वस्थान
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
|
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
नं.1पृ. |
नं.2 पृ. |
206 |
|
सामान्य तिर्यंच |
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
... |
... |
207 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
207 |
|
|
5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
... |
211 |
|
पंचेंद्रिय तिर्यंच पर्याप्त |
1 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
मारणांतिकवत् |
... |
213 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
लोक |
... |
213 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
... |
... |
213 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
213 |
|
|
5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
... |
211 |
|
पंचें.तिर्य.योनिमति |
1-3 |
- - |
- - |
-- पंचेंद्रिय तिर्यंच पर्याप्तवत् |
-- |
- |
... |
213 |
|
|
4-5 |
- - |
- - |
-- |
पंचेंद्रिय तिर्यंच पर्याप्तवत् |
-- |
... |
... |
213 |
|
पंचें.तिर्य.अप. |
1 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
सर्व(पृ.216) |
सर्व(पृ.216) |
... |
3. मनुष्य गति- |
|
380 |
सामान्य व पर्याप्त |
|
च./असं.,म./सं. |
च./असं., कुछ कम मनुष्य लोक |
कुछ कम मनुष्य लोक |
कुछ कम मनुष्य लोक |
सर्व |
मारणांतिकवत् |
मूलओघवत् |
|
380 |
मनुष्यणी |
|
च./असं.,म./सं. |
च./असं., कुछ कम मनुष्य लोक |
कुछ कम मनुष्य लोक |
कुछ कम मनुष्य लोक |
सर्व |
मारणांतिकवत् |
... |
213 |
381 |
मनुष्य अपर्याप्त |
|
च./असं.,म./सं. |
... |
च./असं., म./सं. |
... |
सर्व |
मारणांतिकवत् |
... |
216 |
|
सामान्य व पर्याप्त |
1 |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
सर्व |
मारणांतिकवत् |
... |
217 |
|
|
2 |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
220 |
|
|
3 |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं.. |
... |
... |
... |
221 |
|
|
4 |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं. म./सं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
मारणांतिकवत् |
... |
222 |
|
|
5 |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म.×असं. |
... |
... |
223 |
|
|
6-14 |
- - |
- - |
-- |
मूलोघवत् |
-- |
- |
- |
216 |
|
मनुष्यणी |
1-3 |
- - |
- - |
-- |
मनुष्य पर्याप्तवत् |
-- |
- |
- |
221 |
|
|
4-6 |
- - |
- - |
-- |
मनुष्य पर्याप्तवत् |
-- |
... |
... |
223 |
|
|
7-14 |
- - |
- - |
-- |
मूलोघवत् |
-- |
- |
- |
223 |
|
मनुष्य अप. |
1 |
च./असं.,म./सं. |
... |
च./असं.,म./सं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
4. देवगति- |
|
382 |
सामान्य |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
|
385 |
भवनवासी |
|
च./असं., म.×असं. |
स्वनिमित्तक ऽ लोक परनिमित्तक=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
|
385 |
व्यंतर, ज्योतिषी |
|
त्रि/असं., ति./सं.,म.×असं. |
स्वनिमित्तक ऽ लोक परनिमित्तक=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
|
388 |
सौधर्म ईशान |
|
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
|
389 |
सनत्कुमार-सहस्रार पाँच युगलों में प्रत्येक |
|
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
क्रमेण: ऽ, , ,, लोक |
... |
|
391 |
आनत-अच्युत (2 युगलों में प्रत्येक) |
|
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
क्रमेण: ऽ , लोक |
... |
|
392 |
नवग्रैवेयक-अपराजित |
|
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
... |
|
392 |
सर्वार्थसिद्धि |
|
च./असं., म./सं. |
च./असं., म./सं. |
च./असं., म./सं. |
च./असं., म./सं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
... |
224 |
|
सामान्य |
1 |
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
227 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
227 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
... |
227 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
228 |
|
भवनवासी |
1 |
त्रि/असं., ति./सं., म.×असं. |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
228 |
|
|
2 |
त्रि/असं.,ति./सं., म.×असं. |
स्वनिमित्तक ऽ लोक परनिमित्तक=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
233 |
|
|
3 |
च./असं., म.×असं. |
स्वनिमित्तक ऽ लोक परनिमित्तक=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
... |
... |
... |
233 |
|
|
4 |
च./असं., म.×असं. |
स्वनिमित्तक ऽ लोक परनिमित्तक=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
दोनों अपेक्षा वैक्रियवत् |
... |
... |
228 |
|
व्यंतर, ज्योतिषी |
1 |
त्रि/असं., ति/सं., म×असं. |
स्वनिमित्तक ऽ लोक परनिमित्तक=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
228 |
|
|
2 |
त्रि/असं.,ति/सं., म.×असं. |
स्वनिमित्तक ऽ लोक परनिमित्तक=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं |
... |
233 |
|
|
3 |
त्रि/असं.,ति/सं., म.×असं. |
स्वनिमित्तक ऽ लोक परनिमित्तक=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
... |
... |
... |
233 |
|
|
4 |
त्रि/असं.,ति/सं., म.×असं. |
स्वनिमित्तक ऽ लोक परनिमित्तक=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
स्वनिमि. ऽ लोक परनिमि.=ऽ लोक |
दोनों अपेक्षा वैक्रियवत् |
... |
... |
234 |
|
सौधर्म ईशान |
1 |
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
234 |
|
|
2 |
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
234 |
|
|
3 |
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
... |
234 |
|
|
4 |
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
237 |
|
सनत्कुमार-सहस्रार |
1,2,4 |
- ←--- स्व ओघवत् --- - |
237 |
|
|
3 |
- |
←--- |
स्व ओघवत् |
--- |
- |
- |
- |
238 |
|
आरण-अच्युत |
1-2 |
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
च./असं., म./असं. |
... |
239 |
|
|
3 |
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
... |
239 |
|
|
4 |
च./असं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
क्रमेण: ऽ , ऽ लोक |
... |
239 |
|
नव ग्रैवेयक |
1-2 |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं.. |
च/असं., म.×असं. |
... |
239 |
|
|
3 |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं. |
... |
... |
... |
239 |
|
|
4 |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं.. |
च/असं., म.×असं. |
... |
240 |
|
अनुदिश से अपराजित |
4 |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
... |
240 |
|
सर्वार्थ सिद्धि |
4 |
म./सं. |
म./सं. |
म./सं. |
म./सं. |
च/असं., म.×असं. |
च/असं., म.×असं. |
... |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
2. इंद्रिय मार्गणा- |
|
393 |
एकेंद्रिय सा., प., अप. |
|
सर्व |
... |
सर्व |
त्रि/सं. |
सर्व |
सर्व |
... |
|
393 |
एके.सू., प., अप. |
|
सर्व |
... |
सर्व |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
|
393 |
एके.बा., प., अप. |
|
त्रि./सं., ति.× असं., म.×असं. |
... |
त्रि./सं., ति.× असं.,म.×असं. |
त्रि./सं., ति.×असं., म.×असं. |
सर्व |
सर्व |
... |
|
395 |
विकलेंद्रिय सा., प., अप. |
|
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
|
396 |
पंचे.सा., प. |
|
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
सर्व |
सर्व |
मूलोघवत् |
|
399 |
पंचे.अप. |
|
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
... |
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
240 242 |
|
एके.सर्व विकल्प |
1 |
- |
←--- |
स्व ओघवत् |
--- |
- |
- |
- |
242 243 |
|
विकलेंद्रिय सर्व विकल्प |
1 |
- |
--- |
स्व ओघवत् |
--- |
- |
- |
- |
244 245 |
|
पंचे.सा.प. |
12-14 |
-- |
------ |
स्व ओघवत्मूलोघवत् |
------ |
- - |
- - |
- - |
246 |
|
पंचे.अप. |
1 |
- |
--- |
स्व ओघवत् |
--- |
- |
- |
- |
3. काय मार्गणा- |
|
401 |
पृ.अप.वायु.सा.व सू.प.अप.तेज.सू.अप. |
|
सर्व |
... |
सर्व |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
|
401 |
तैज.सा.व सू.प. |
|
सर्व |
... |
सर्व |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
सर्व |
... |
|
404 |
पृ.अप.तैज. वन.प्र. बा.सा., प., अप. |
|
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
त्रि/असं.,ति×सं.,म.×असं. |
त्रि/असं., ति/सं.,म.×असं. |
सर्व |
सर्व |
... |
|
406 |
वायु बा.प.अप. |
|
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
... |
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
सर्व |
सर्व |
... |
|
410 |
वन.निगोद सा.सू.प.अप. |
|
सर्व |
... |
... |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
|
410 |
वन.निगोद बा.प.अप. |
|
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
|
410 |
वन.अप्रतिष्ठित प.अप. |
|
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
त्रि./असं.,ति.×सं.,म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
|
401 |
वायु.सा.,प., अप., सू., सू.प., सू.अ. |
|
सर्व |
... |
सर्व |
त्रि./सं., ति.×सं., म.×असं. |
सर्व |
सर्व |
... |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
|
411 |
त्रसकाय प.अप. |
... |
- |
--- |
पंचेंद्रियवत् |
--- |
- |
- |
- |
247 |
|
पृ.अप.सा.सू.प.अप. |
1 |
सर्व |
... |
सर्व |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
250 |
|
वायु अप.सा.सू.प.अप. |
1 |
सर्व |
... |
सर्व |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
250 |
|
तेज अप.सा.सू.प.अप. |
1 |
सर्व |
... |
सर्व |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
247 |
|
पृ.अप.बा.अप. |
1 |
त्रि./असं.,ति.×सं.,म.×असं. |
... |
त्रि./असं.,ति.×सं.,म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
249 |
|
वायु बा.अप. |
1 |
त्रि./सं.,ति.×असं.,म.×असं. |
... |
त्रि./सं.,ति.×असं.,म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
247 |
|
तेज बा.अप. |
1 |
त्रि./असं.,ति.×सं.,म.×असं. |
... |
त्रि./असं.,ति.×सं.,म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
250 |
|
पृ.अप.बा.प. |
1 |
त्रि./असं.,ति.×सं.,म.×असं. |
... |
त्रि./असं.,ति.×सं.,म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
250 |
|
तेज बा.प. |
1 |
त्रि./असं.,ति.×सं.,म.×असं. |
... |
त्रि./असं.,ति.×सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
सर्व |
... |
253 |
|
वायु बा.प. |
1 |
त्रि./सं., ति.×असं., म.×असं. |
... |
त्रि./सं.,ति.×असं.,म.×असं. |
त्रि./सं.,ति.×सं.,म.×असं. |
सर्व |
सर्व |
... |
253 |
|
वन.निगोद सू.अप. |
1 |
सर्व |
... |
सर्व |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
253 |
|
वन.निगोद सू.प. |
1 |
सर्व |
... |
सर्व |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
247 |
|
वन.निगोद बा.अप. |
1 |
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
257 |
|
वन.निगोद बा.प. |
1 |
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
257 |
|
वन.अप्रति.प्रत्येक अप. |
1 |
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
251 |
|
वन.अप्रति.प्रत्येक प. |
1 |
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
त्रि./असं., ति.×सं., म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
247 |
|
बादर वन.सप्र., प., अप. |
1 |
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
× |
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
× |
सर्व |
सर्व |
... |
254 |
|
त्रस अपर्याप्त |
1 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
254 |
|
त्रस पर्याप्त |
1 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
सर्व |
सर्व |
... |
254 |
|
|
2-14 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
4. योग मार्गणा- |
|
412 |
पाँचों मनयोगी, वचनयोगी |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
सर्व |
... |
केवल तै., आ.मूलोघवत् |
|
413 |
काय योग सामान्य |
|
सर्व |
ऽ लोक |
सर्व |
ऽ लोक |
सर्व |
सर्व |
मूलोघवत् |
|
414 |
औदारिक काय योग |
|
सर्व |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
त्रि./सं., ति.×असं., म.×असं. |
सर्व |
... |
... |
|
413 |
औदारिक मिश्र योग |
|
सर्व |
... |
सर्व |
... |
सर्व |
सर्व |
केवल कपाट समु.मूलोघवत् |
|
415 |
वैक्रियक काय योग |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
|
417 |
वैक्रियक मिश्र योग |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
स्वस्थानवत् (नारकियों में) |
... |
... |
... |
... |
|
418 |
आहारक काय योग |
|
च./असं./,म./सं. |
च./असं./,म./सं. |
च./असं./,म./सं. |
... |
च./असं./, म.×असं. |
... |
च./असं./,म./सं. |
|
419 |
आहारक मिश्र योग |
|
च./असं./,म./सं. |
... |
... |
... |
... |
... |
... |
|
420 |
कार्माण काय योग |
|
सर्व |
सर्व |
... |
... |
... |
... |
प्रतर, लोकपूरण समुद्घात |
255 |
|
पाँचों मन वचन योग |
1 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
सर्व |
... |
... |
256 |
|
|
2,4,5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
256 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
... |
257 |
|
|
6-13 |
- |
---- |
मूलोघवत् |
---- |
- |
- |
- |
258 |
|
काय योग सामान्य |
1 |
सर्व |
ऽ लोक |
सर्व |
ऽ लोक |
सर्व |
सर्व |
... |
258 |
|
|
2-13 |
- |
---- |
मूलोघवत् |
---- |
- |
- |
- |
259 |
|
औदारिक काययोग |
1 |
सर्व |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
त्रि./सं.,ति.×असं.,म.×असं. |
सर्व |
... |
... |
260 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
... |
261 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
... |
... |
262 |
|
|
4-5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
... |
262 |
|
|
6-13 |
- |
---- |
मूलोघवत् |
---- |
- |
- |
... |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1 पृ. |
स.2 पृ. |
263 |
|
औदारिक मिश्रयोग |
1 |
सर्व |
... |
सर्व |
... |
सर्व |
सर्व |
... |
264264 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
... |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
264 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
... |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
265 |
|
|
13 |
... |
... |
.... |
... |
... |
... |
केवली समु.मुलोघवत् |
266 |
|
वैक्रियिक काययोग |
1 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
267 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
267 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
... |
267 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
268 |
|
वैक्रियिक मिश्रयोग |
1-2 |
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
... |
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
... |
... |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
268 |
|
|
4 |
च./असं., म.×असं. |
... |
च./असं., म.×असं. |
... |
... |
च./असं., म.×असं. |
... |
269 |
|
आहारक काययोग |
6 |
च./असं., म./सं. |
च./असं., म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
... |
च./असं.,म.×असं. |
... |
... |
269 |
|
आहारक मिश्र योग |
6 |
च./असं.,म./सं. |
... |
च./असं.,म./सं. |
... |
... |
... |
... |
270 |
|
कार्माण काययोग |
1 |
सर्व |
... |
सर्व |
... |
... |
सर्व |
... |
270 |
|
|
2 |
... |
... |
... |
... |
... |
ऽ लोक |
... |
270 |
|
|
4 |
... |
... |
... |
... |
... |
ऽ लोक |
... |
271 |
|
|
13 |
... |
... |
... |
... |
... |
... |
प्रतर व लोकपूरण मूलोघवत् |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
5. वेद मार्गणा- |
|
420 |
स्त्रीवेद (देवीप्रधान) |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
सर्व या लोक |
सर्व या त्रि./असं., ति./सं., लोक |
... |
|
420 |
पुरुषवेद (देवप्रधान) |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
सर्व या लोक |
सर्व या त्रि./असं., ति./सं., लोक |
तै. व आ.मूलोघवत् |
|
423 |
नपुंसक वेद |
|
सर्व |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
त्रि./सं., ति.×असं., म.×असं. |
सर्व |
सर्व |
... |
|
424 |
अपगत वेद |
|
त्रि./असं.,म./सं. |
त्रि./असं.,म.×सं. |
... |
... |
च./असं.,म.×असं. |
... |
केवली समुद्घात ओघवत् |
271 |
|
स्त्री वेद |
1 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
लोक |
लोक |
लोक |
सर्व |
सर्व |
... |
272 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
274 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
... |
274 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
275 |
|
|
5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
... |
275 |
|
|
6-9 |
च/असं.,म/सं. |
च/असं.,म/सं. |
च/असं.,म/सं. |
च/असं.,म/सं. |
च/असं.,म×असं. |
... |
... |
271 |
275 |
पुरुष वेद |
1-5 |
- |
---- |
स्त्रीवेद वत् |
---- |
- |
- |
- |
275 |
|
|
6 |
- |
---- |
स्त्रीवेद वत् |
---- |
- |
- |
तैजस व आहा.ओघवत् |
275 |
|
|
7-9 |
- |
---- |
स्त्रीवेद वत् |
---- |
- |
- |
- |
276 |
|
नपुंसक वेद |
1 |
सर्व |
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
सर्व |
लोक |
सर्व |
सर्व |
... |
277 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
लोक |
ऽ लोक |
... |
277 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
... |
.... |
278 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
च/असं.,म×असं. |
... |
278 |
|
|
5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
.... |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
278 |
411 |
|
6-9 |
च./असं.,म./सं. |
म./सं. |
म./सं. |
म./सं. |
च./असं.,म.×असं. |
... |
... |
279 |
|
अपगत वेद |
10-14 |
- ------------- मूलोघवत् ---------- - |
6.कषाय मार्गणा- |
|
425 |
चारों कषाय |
|
सर्व |
ऽ लोक |
सर्व |
ऽ लोक |
सर्व |
सर्व |
तै.व आ. ओघवत् |
|
425 |
अकषाय |
|
- |
------------- |
अपगतवेदीवत् |
---------- |
- |
280 |
|
क्रोध, मान, माया कषाय |
1-9 |
- |
------------- |
मूलोघवत् |
---------- |
- |
280 |
|
लोभ कषाय |
1-10 |
- |
------------- |
मूलोघवत् |
---------- |
- |
280 |
|
अकषाय |
11-14 |
- |
------------- |
मूलोघवत् |
---------- |
- |
7. ज्ञान मार्गणा- |
|
426 |
मतिश्रुत अज्ञान |
|
सर्व |
लोक |
सर्व |
लोक |
सर्व |
सर्व |
... |
|
427 |
विभंग ज्ञान |
|
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
देव, नारकी लोक; तिर्यंच, मनुष्य=सर्व |
... |
... |
|
429 |
मति,श्रुत, अवधिज्ञान |
|
त्रि./असं., ति./सं., म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
तै.आ.ओघवत् |
|
430 |
मन:पर्यय ज्ञान |
|
च./असं., म.×असं. |
च./असं., म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
... |
तै.आ.ओघवत् |
|
431 |
केवलज्ञान |
|
च./असं., म./सं. |
च./असं., म./सं. |
... |
अपगत वेदवत् |
... |
... |
केवली समुद्घात |
281 |
|
मतिश्रुत अज्ञान |
1 |
सर्व |
लोक |
सर्व |
लोक |
सर्व |
सर्व |
... |
282 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
लोक |
लोक |
लोक |
लोक |
लोक |
... |
282 |
|
विभंग ज्ञान |
1 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
सर्व |
... |
... |
283 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
284 |
|
मति, श्रुत अवधि |
4-12 |
- |
------------- |
मूलोघवत् |
---------- |
- |
284 |
|
मन:पर्यय ज्ञान |
6 |
- |
------------- |
मूलोघवत् |
---------- |
- |
284 |
|
केवल ज्ञान |
13-14 |
- |
------------- |
मूलोघवत् |
---------- |
- |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
8. संयम मार्गणा- |
|
431 |
संयम सामान्य |
|
च./असं., म./स. |
च./असं., म./स. |
च./असं., म./स. |
च./असं., म./स. |
च./असं., म.×अस. |
... |
मूलोघवत् |
|
431 |
सामायिक छेदो. |
|
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं., म.×असं. |
... |
तै.आ.मूलोघवत् |
|
431 |
परिहार विशुद्धि |
|
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म.×असं. |
... |
... |
|
431 |
सूक्ष्म सांपराय |
|
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
... |
... |
च./असं.,म.×असं. |
... |
... |
|
431 |
यथाख्यात |
|
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. |
... |
... |
च./असं.,म.×असं. |
... |
मात्र केवली समुद्घात |
|
432 |
संयतासंयत |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
... |
|
434 |
असंयत |
|
---- नपुंसक वेदवत् (विहारवत् स्वस्थान ऽ लोक है) --- |
285 |
|
संयम सामान्य |
6-14 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
... |
... |
286 |
|
सामायिक छेदोप. |
6-9 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
... |
... |
286 |
|
परिहार विशुद्धि |
6,7 |
- |
--- |
स्व ओघवत् |
--- |
- |
... |
... |
287 |
|
सूक्ष्म सांपराय |
10 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
... |
... |
287 |
|
यथाख्यात |
11-14 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
... |
... |
287 |
|
संयतासंयत |
5 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
... |
288 |
|
असंयत |
1-4 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
... |
... |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
9. दर्शन मार्गणा- |
|
434 |
चक्षु दर्शन |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
सर्व |
(लब्धि की अपेक्षा) लोक व सर्व |
तैजस व आहारक ओघवत् |
|
437 |
अचक्षु दर्शन |
|
- --- असंयतवत् (तैजस व आहारक समुद्घात भी पाये जाते हैं।) ---- |
|
438 |
अवधि दर्शन |
|
- |
--- |
अवधि ज्ञानवत् |
--- |
- |
- |
- |
|
438 |
केवल दर्शन |
|
- |
--- |
केवल ज्ञानवत् |
--- |
- |
- |
- |
288 |
|
चक्षु दर्शन |
1 |
- |
--- |
स्व ओघवत् |
--- |
- |
- |
- |
289 |
|
|
2-12 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
289 |
|
अचक्षु दर्शन |
1-12 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
289 |
|
अवधि दर्शन |
4-12 |
- |
--- |
अवधि ज्ञानवत् |
--- |
- |
- |
- |
290 |
|
केवल दर्शन |
13-14 |
- |
--- |
केवल ज्ञानवत् |
--- |
- |
- |
- |
10. लेश्या मार्गणा- |
|
436 |
कृष्ण नील कापोत |
|
- |
--- |
नपुंसक वेदवत् |
--- |
- |
- |
- |
|
439 |
तेज |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
लोक |
लोक |
लोक |
ऽ लोक |
... |
|
441 |
पद्म |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
|
443 |
शुक्ल |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
लोक |
मूलोघवत् |
290 |
|
कृष्ण नील कापोत |
1 |
सर्व |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
लोक |
सर्व |
सर्व |
... |
291 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
क्रमश: ऽ ,,लोक |
मारणांतिकवत् |
... |
294 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
... |
... |
294 |
|
कृष्ण |
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
मारणांतिकवत् |
... |
294 |
|
नील |
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
मारणांतिकवत् |
... |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
|
|
कापोत |
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
295 |
|
तेज |
1-2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
लोक |
लोक |
लोक |
लोक |
ऽ लोक |
... |
295 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
... |
295 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
296 |
|
|
5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
... |
297 |
|
|
6-7 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
297 |
|
पद्म |
1-2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
297 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
... |
297 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
298 |
|
|
5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
... |
298 |
|
|
6-7 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
299 |
|
शुक्ल |
1-2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
च./असं.,म./असं. |
... |
299 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
|
ऽ लोक |
... |
... |
... |
299 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
मारणांतिकवत् |
... |
300 |
|
|
5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
लोक |
... |
... |
300 |
|
|
6-14 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
11. भव्य मार्गणा- |
|
445 |
भव्य |
... |
सर्व |
लोक |
सर्व |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
सर्व |
मूलोघवत् |
|
445 |
अभव्य |
... |
सर्व |
लोक |
सर्व |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
सर्व |
... |
301 |
|
भव्य |
1-14 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
301 |
|
अभव्य |
1 |
सर्व |
लोक |
सर्व |
लोक |
सर्व |
सर्व |
... |
12. सम्यक्त्व मार्गणा- |
|
446 |
सामान्य (देवापेक्षया) |
... |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
च./असं.,म.×असं.अथवा ति/सं. |
... |
|
447 |
सामान्य (मन.ति.अपेक्षा) |
... |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
मारणांतिकवत् |
मूलोघवत् |
|
450 |
क्षायिक (देव नारकी) |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
|
449 |
क्षायिक (मनु.तिर्य.) |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
मारणांतिकवत् |
मूलोघवत् |
|
452 |
वेदक |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
नारकी-च./असं., म.×असं.देव-त्रि/असं., ति/सं., म×असं.मनुष्य, तिर्यंच- ऽ लोक |
तैजस व आहारक ओघवत् |
|
453 |
उपशम |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
च./असं., म.×असं. |
च./असं.,म.×असं |
... |
|
455 |
सासादन |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
लोक |
तिर्यंच में उत्पन्न नारकी ; तिर्यंचों में उत्पन्न देव ; कुल ऽ लोक |
... |
|
458 |
सम्यग्मिथ्यात्व |
|
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
इन स्थानों की प्रधानता नहीं |
... |
... |
... |
|
458 |
मिथ्यादृष्टि |
|
- |
--- |
असंयतवत् |
--- |
- |
- |
- |
302 |
|
सामान्य |
4-14 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
302 |
|
क्षायिक |
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
लोक |
लोक |
लोक |
लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
303 |
|
|
5 |
च./असं.,म./सं. |
च./असं.,म./सं. बहुभाग |
च./असं.,म./सं. बहुभाग |
च./असं.,म./सं. बहुभाग |
च./असं.,म.×सं. |
... |
... |
303 |
|
|
6-14 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
304 |
|
वेदक |
4-7 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
प्रमाण |
मार्गणा |
गुणस्थान |
स्वस्थान स्वस्थान |
विहारवत् स्वस्थान |
वेदना कषाय समुद्घात |
वैक्रियिक समुद्घात |
मारणांतिक समुद्घात |
उपपाद |
तैजस, आहारक व केवली समुद्घात |
स.1पृ. |
स.2पृ. |
304 |
|
उपशम |
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
च./असं.,म.×असं. |
मारणांतिकवत् |
... |
305 |
|
|
5 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ति./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
च./असं.,म.×असं. |
... |
... |
305 |
|
|
6-11 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
306 |
|
सासादन |
2 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
306 |
|
सम्यग्मिथ्यात्व |
3 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
306 |
|
मिथ्यादर्शन |
1 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
13. संज्ञी मार्गणा- |
|
459 |
संज्ञी |
... |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
लोक |
लोक |
लोक |
संज्ञी से संज्ञी= ऽ लोक; संज्ञी से असंज्ञी = सर्व |
मारणांतिकवत् |
मूलोघवत् |
|
461 |
असंज्ञी |
... |
- |
--- |
नपुंसकवेदवत् |
--- |
- |
- |
- |
306 |
|
संज्ञी |
1 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
लोक |
लोक |
लोक |
सर्व |
सर्व |
- |
307 |
|
|
2-12 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
307 |
|
असंज्ञी |
1 |
सर्व |
ति./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
सर्व |
लोक |
सर्व |
सर्व |
... |
14. आहारक मार्गणा- |
|
461 |
आहारक |
... |
सर्व |
ऽ लोक |
सर्व |
लोक |
सर्व |
सर्व |
मूलोघवत् |
|
461 |
अनाहारक |
... |
सर्व |
... |
... |
... |
... |
सर्व |
केवली=मूलोघवत् |
309 |
|
आहारक |
1 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
309 |
|
|
2 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक व ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
309 |
|
|
3 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
... |
... |
... |
309 |
|
|
4 |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ लोक |
ऽ व ऽ लोक |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
... |
309 |
|
|
5 |
ति./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
त्रि./असं.,ति./सं.,म.×असं. |
ऽ लोक |
... |
... |
309 |
|
|
6-13 |
- |
--- |
मूलोघवत् |
--- |
- |
- |
- |
309 |
|
अनाहारक |
1 |
सर्व |
... |
सर्व |
... |
... |
सर्व |
... |
309 |
|
|
2 |
... |
... |
... |
... |
... |
लोक |
... |
309 |
|
|
4 |
... |
... |
... |
... |
... |
लोक |
प्रतर व लोकपूरण |
309 |
|
|
13 |
... |
... |
... |
... |
... |
... |
मूलोघवत् |
309 |
|
|
14 |
च./असं.,म./सं. |
... |
... |
... |
... |
... |
... |
5. अष्टकर्मों के चतु.बंधकों की ओघ प्ररूपणा-( महाबंध/पुस्तक/.../पृष्ठ... )
सं. |
पद विशेष |
प्रकृति |
स्थिति |
अनुभाग |
प्रदेश |
|
|
मूल प्रकृति |
उत्तर प्रकृति |
मूल प्रकृति |
उत्तर प्रकृति |
मूल प्रकृति |
उत्तर प्रकृति |
मूल प्रकृति |
उत्तर प्रकृति |
1 |
ज.उ.पद |
|
1/292-331/191-235 |
2/170-186/101-110 |
3/478-521/217-243 |
4/208-239/91-109 |
5/348-404/151-211 |
|
|
2 |
भुजगारादि पद |
|
|
2/310-317/163-166 |
3/775-794/367-379 |
4/290-297/134-137 |
5/513-536/286-309 |
6/133-136/71-73 |
|
3 |
वृद्धि हानि |
|
|
2/391-400/198-201 |
3/933-956/455-473 |
4/164/165 |
5/621/365-366 |
136/71-73 |
|
6. मोहनीय सत्कर्मिक बंधकों की ओघ आदेश प्ररूपणा-( कषायपाहुड़/ पु./.../पृ....) |
1 |
दोष व पेज्ज |
1/384-389/399-404 |
|
|
|
|
|
|
|
2 |
24,28 आदि स्थान |
|
2/262-369/326-334 |
|
|
|
|
|
|
|
सत्ता असत्ता के- |
3. |
ज.उ.पद |
2/81-88/60-71 |
2/176-182/165-171 |
3/119-141/68-80 |
3/622-647/368-387 |
5/103-121/65-77 |
5/359-367/227-232 |
|
|
|
भुजगारादि पद |
|
2/454-459/409-414 |
3/206-212/117-120 |
4/118-125/60-67 |
5/156/103-104 |
5/497-500/291-293 |
|
|
|
वृद्धि हानि |
|
2/518-524/465-470 |
3/308-318/169-175 |
4/375-400/232-250 |
5/181/121-122 |
5/554-557/321-324 |
|
|
7. अन्य प्ररूपणाओं की सूची- |
1 2 3 |
पाँच शरीर के योग्य पुद्गल स्कंधों की ज.उ.संघातन परिशातन कृति के स्वामियों की अपेक्षा-दे. धवला 9/370-380 ।
पाँच शरीर के स्वामियों के 2,3,4 आदि भंगों की अपेक्षा-दे. धवला 14/256-267 ।
23 प्रकार वर्गणाओं का जघन्य स्पर्श-दे. धवला 14/149/20 ।
|
|
|
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