हृदयंगम: Difference between revisions
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<span class="GRef"> तिलोयपण्णत्ति/6/34 </span><span class="SanskritText"> ते किंपुरिसा किंणरहिदयंगमरुवपालिकिंणरया। किंणरणिंदिदणामा मणरम्मा किंणरुत्तमया।34। रतिपियजेट्ठा।</span> =<span class="HindiText">किंपुरुष, किन्नर, <strong>ह्रदयंगम</strong>, रूपपाली, किन्नरकिन्नर, अनिंदित, मनोरम, किन्नरोत्तम, रतिप्रिय और ज्येष्ठ, ये दश प्रकार के किन्नर जाति के देव होते हैं। <span class="GRef">(तिलोकसार/257−258)</span><br /> | |||
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Latest revision as of 22:36, 17 November 2023
तिलोयपण्णत्ति/6/34 ते किंपुरिसा किंणरहिदयंगमरुवपालिकिंणरया। किंणरणिंदिदणामा मणरम्मा किंणरुत्तमया।34। रतिपियजेट्ठा। =किंपुरुष, किन्नर, ह्रदयंगम, रूपपाली, किन्नरकिन्नर, अनिंदित, मनोरम, किन्नरोत्तम, रतिप्रिय और ज्येष्ठ, ये दश प्रकार के किन्नर जाति के देव होते हैं। (तिलोकसार/257−258)
किन्नर नामा व्यंतर जाति का एक भेद - देखें किंनर ।