अनेकप: Difference between revisions
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< | <span class="HindiText"> द्वीप (हाथी) । तीर्थंकरों के गर्भ में आते ही उनकी जननी सोलह स्वप्न देखती है । उन सोलह स्वप्नों में ऐरावत हाथी प्रथम स्वप्न में ही दिखायी देता है । इस स्वप्न का फल गर्भस्थ शिशु का अनेक जीवों का रक्षक, अपनी चाल से हाथी की चाल को तिरस्कृत करने वाला और तीनों लोकों का एकाधिपति होना बताया गया है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_27#5|हरिवंशपुराण - 27.5-6]] </span> | ||
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Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
द्वीप (हाथी) । तीर्थंकरों के गर्भ में आते ही उनकी जननी सोलह स्वप्न देखती है । उन सोलह स्वप्नों में ऐरावत हाथी प्रथम स्वप्न में ही दिखायी देता है । इस स्वप्न का फल गर्भस्थ शिशु का अनेक जीवों का रक्षक, अपनी चाल से हाथी की चाल को तिरस्कृत करने वाला और तीनों लोकों का एकाधिपति होना बताया गया है । हरिवंशपुराण - 27.5-6