अर्थ पद: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p class="HindiText"> श्रुतज्ञान के बीस भेदों में पांचवां भेद '''पद''' है। यह अर्थपद, प्रमाणपद और मध्यमपद के भेद से तीन प्रकार का होता है। जिस में एक, दो, तीन, चार, पाँच, छह और सात अक्षर तक का पद हो, उसे '''अर्थपद''' कहते हैं। <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_10#12|हरिवंशपुराण - 10.12-13]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_10#22|हरिवंशपुराण - 10.22-25]] </span></p> | |||
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श्रुतज्ञान के बीस भेदों में पांचवां भेद पद है। यह अर्थपद, प्रमाणपद और मध्यमपद के भेद से तीन प्रकार का होता है। जिस में एक, दो, तीन, चार, पाँच, छह और सात अक्षर तक का पद हो, उसे अर्थपद कहते हैं। हरिवंशपुराण - 10.12-13,हरिवंशपुराण - 10.22-25