अर्हं: Difference between revisions
From जैनकोष
Anita jain (talk | contribs) mNo edit summary |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> बीज मंत्र । यह आदि में अकार, अंत में हकार तथा मध्य में बिंदु सहित रेफ युक्त होता है । इसका ध्यान करने से मुमुक्षु दुःखी नहीं होते । यह बीजमंत्र ‘‘अर्हत्सिद्धाचार्योपाध्यायसर्वसाधुभ्यो नमः’’ इस रूप में सोलह अक्षरों वाला और ‘‘अर्हदभ्यो नमः’’ के रूप में छ: अक्षरों वाला होता है । <span class="GRef"> महापुराण 21. 231-235 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> बीज मंत्र । यह आदि में अकार, अंत में हकार तथा मध्य में बिंदु सहित रेफ युक्त होता है । इसका ध्यान करने से मुमुक्षु दुःखी नहीं होते । यह बीजमंत्र ‘‘अर्हत्सिद्धाचार्योपाध्यायसर्वसाधुभ्यो नमः’’ इस रूप में सोलह अक्षरों वाला और ‘‘अर्हदभ्यो नमः’’ के रूप में छ: अक्षरों वाला होता है । <span class="GRef"> महापुराण 21. 231-235 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 14:39, 27 November 2023
बीज मंत्र । यह आदि में अकार, अंत में हकार तथा मध्य में बिंदु सहित रेफ युक्त होता है । इसका ध्यान करने से मुमुक्षु दुःखी नहीं होते । यह बीजमंत्र ‘‘अर्हत्सिद्धाचार्योपाध्यायसर्वसाधुभ्यो नमः’’ इस रूप में सोलह अक्षरों वाला और ‘‘अर्हदभ्यो नमः’’ के रूप में छ: अक्षरों वाला होता है । महापुराण 21. 231-235