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<div class="HindiText"> <p id="1">(1) रुचकवर द्वीप के रुचक पर्वत की दिशा में स्थित आठवाँ कूट । यहाँ नंदीवर्द्धना देवी रहती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 569.9, 704-706 </span>देखें [[ रुचकवर ]]</p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) रुचकवर द्वीप के रुचक पर्वत की दिशा में स्थित आठवाँ कूट । यहाँ नंदीवर्द्धना देवी रहती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_569#9|हरिवंशपुराण - 569.9]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_569#704|हरिवंशपुराण - 569.704-706]] </span>देखें [[ रुचकवर ]]</p> | ||
<p id="2">(2) रत्नप्रभा नरक के खरभाग का शिलामय ग्यारहवाँ पटल । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.50-54 </span>देखें [[ खरभाग ]]</p> | <p id="2" class="HindiText">(2) रत्नप्रभा नरक के खरभाग का शिलामय ग्यारहवाँ पटल । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#50|हरिवंशपुराण - 4.50-54]] </span>देखें [[ खरभाग ]]</p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
रुचक पर्वतस्थ एक कूट - देखें लोक - 5.13।
पुराणकोष से
(1) रुचकवर द्वीप के रुचक पर्वत की दिशा में स्थित आठवाँ कूट । यहाँ नंदीवर्द्धना देवी रहती है । हरिवंशपुराण - 569.9,हरिवंशपुराण - 569.704-706 देखें रुचकवर
(2) रत्नप्रभा नरक के खरभाग का शिलामय ग्यारहवाँ पटल । हरिवंशपुराण - 4.50-54 देखें खरभाग