आदित्यवंश: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> सूर्यवंश । इस वंश में भरत के पुत्र आदित्ययशा (अकंकीर्ति) के बाद में राजा हुए हैं― स्मितयशा, बलाक, सुबल, महाबल, अतिबल, अमृतबल, सुभद्र, सागर, भद्र, रवितेज, शशी, प्रभृततेज, तेजस्वी, तपन, प्रतापवान्, अतिवीर्य, सुवीर्य, उदितपराक्रम, महेंद्रविक्रम, सूर्य, इंदद्युम्न, महेंद्रजित्, प्रभु, विभु, अविध्वंस, वीतभी, वृषभध्वज, गरुडांक और मृंगाक आदि । ये सभी एक दूसरे को राज्य सौंप कर निर्ग्रंथ हुए थे । इनमें सितयशा का स्मितयशा कहा गया है । इस वंश के कुछ राजा तो स्वर्ग गये और कुछ मोक्ष को प्राप्त हुए । <span class="GRef"> पद्मपुराण 5.4-10, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 13.7-15 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> सूर्यवंश । इस वंश में भरत के पुत्र आदित्ययशा (अकंकीर्ति) के बाद में राजा हुए हैं― स्मितयशा, बलाक, सुबल, महाबल, अतिबल, अमृतबल, सुभद्र, सागर, भद्र, रवितेज, शशी, प्रभृततेज, तेजस्वी, तपन, प्रतापवान्, अतिवीर्य, सुवीर्य, उदितपराक्रम, महेंद्रविक्रम, सूर्य, इंदद्युम्न, महेंद्रजित्, प्रभु, विभु, अविध्वंस, वीतभी, वृषभध्वज, गरुडांक और मृंगाक आदि । ये सभी एक दूसरे को राज्य सौंप कर निर्ग्रंथ हुए थे । इनमें सितयशा का स्मितयशा कहा गया है । इस वंश के कुछ राजा तो स्वर्ग गये और कुछ मोक्ष को प्राप्त हुए । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_5#4|पद्मपुराण - 5.4-10]], </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_13#7|हरिवंशपुराण - 13.7-15]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
सूर्यवंश । इस वंश में भरत के पुत्र आदित्ययशा (अकंकीर्ति) के बाद में राजा हुए हैं― स्मितयशा, बलाक, सुबल, महाबल, अतिबल, अमृतबल, सुभद्र, सागर, भद्र, रवितेज, शशी, प्रभृततेज, तेजस्वी, तपन, प्रतापवान्, अतिवीर्य, सुवीर्य, उदितपराक्रम, महेंद्रविक्रम, सूर्य, इंदद्युम्न, महेंद्रजित्, प्रभु, विभु, अविध्वंस, वीतभी, वृषभध्वज, गरुडांक और मृंगाक आदि । ये सभी एक दूसरे को राज्य सौंप कर निर्ग्रंथ हुए थे । इनमें सितयशा का स्मितयशा कहा गया है । इस वंश के कुछ राजा तो स्वर्ग गये और कुछ मोक्ष को प्राप्त हुए । पद्मपुराण - 5.4-10, हरिवंशपुराण - 13.7-15