इंद्रगिरि: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) गांधार देश की पुष्पकलावती नगरी का राजा । इसकी रानी का नाम मेरुमती, अपरनाम मेरुमती था । इन दोनों के हिमगिरि नाम का पुत्र और गांधारी नाम की पुत्री थी । कृष्ण ने हिमगिरि अपनी बहन हयपुरी के राजा सुमुख को दे रहा है ऐसा नारद से जानकर युद्ध में हिमगिरि को मार डाला था और वे गांधारी को हर लाये थे जिसे बाद में उन्होंने पटरानी बनाया था । <span class="GRef"> महापुराण 71. 444-428, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_44#45|हरिवंशपुराण - 44.45-51]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#93|हरिवंशपुराण - 60.93] </span></p> | ||
<p id="2">(2) हरिवंशी राजा वसुगिरि का पुत्र और रत्नमाला का पिता । <span class="GRef"> पद्मपुराण 21.7-9 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) हरिवंशी राजा वसुगिरि का पुत्र और रत्नमाला का पिता । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_21#7|पद्मपुराण - 21.7-9]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
(1) गांधार देश की पुष्पकलावती नगरी का राजा । इसकी रानी का नाम मेरुमती, अपरनाम मेरुमती था । इन दोनों के हिमगिरि नाम का पुत्र और गांधारी नाम की पुत्री थी । कृष्ण ने हिमगिरि अपनी बहन हयपुरी के राजा सुमुख को दे रहा है ऐसा नारद से जानकर युद्ध में हिमगिरि को मार डाला था और वे गांधारी को हर लाये थे जिसे बाद में उन्होंने पटरानी बनाया था । महापुराण 71. 444-428, हरिवंशपुराण - 44.45-51,[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#93|हरिवंशपुराण - 60.93]
(2) हरिवंशी राजा वसुगिरि का पुत्र और रत्नमाला का पिता । पद्मपुराण - 21.7-9