उत्पलोज्ज्वलता: Difference between revisions
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Latest revision as of 14:40, 27 November 2023
मेरु पर्वत की पूर्व-दक्षिण दिशा में स्थित पचास योजन लंबी, दस योजन गहरी और पच्चीस योजन चौड़ी वापी । हरिवंशपुराण - 5.334-335