कलिंग: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> वृषभ देव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित दक्षिण का एक देश । (उड़ीसा-भुवनेश्वर का समीपवर्ती प्रदेश) ।</span> <span class="GRef"> महापुराण 16.141-156,29.38,</span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_11#70|हरिवंशपुराण - 11.70-71]]</span></br><span class="HindiText">तीर्थंकर वृषभदेव,नेमिनाथ तथा महावीर की विहारभूमि । <span class="GRef"> महापुराण 25. 287-288, [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_3#4|हरिवंशपुराण - 3.4]],59111,पांडवपुराण 1.132</span> <span class="HindiText">दिग्विजय के समय भरतेश के सेनापति ने यहाँ के शासकों को परास्त किया था ।</span> <span class="GRef"> महापुराण 29.93 </span><span class="HindiText">लवणांकुश ने भी यहाँ के राजा को परास्त किया था ।</span> <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_101#84|पद्मपुराण - 101.84-86]] </span> | |||
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- भरत क्षेत्र दक्षिण आर्य खंड का एक देश—देखें मनुष्य - 4.4।
- मद्रास प्रांत का उत्तर भाग और उड़ीसा का दक्षिण भाग। राजधानी राजमहेंद्री है। ( महापुराण/ प्र.49/पं. पन्नालाल)
पुराणकोष से
वृषभ देव के समय में इंद्र द्वारा निर्मित दक्षिण का एक देश । (उड़ीसा-भुवनेश्वर का समीपवर्ती प्रदेश) । महापुराण 16.141-156,29.38, हरिवंशपुराण - 11.70-71
तीर्थंकर वृषभदेव,नेमिनाथ तथा महावीर की विहारभूमि । महापुराण 25. 287-288, हरिवंशपुराण - 3.4,59111,पांडवपुराण 1.132 दिग्विजय के समय भरतेश के सेनापति ने यहाँ के शासकों को परास्त किया था । महापुराण 29.93 लवणांकुश ने भी यहाँ के राजा को परास्त किया था । पद्मपुराण - 101.84-86