कुमुद: Difference between revisions
From जैनकोष
No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(8 intermediate revisions by 4 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
| |||
== सिद्धांतकोष से == | |||
<ol class="HindiText"> | |||
<li>विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर−देखें [[ विद्याधर ]]; </li> | |||
<li> देवकुरु का दिग्गजेंद्र पर्वत−देखें [[ लोक#5.3 | लोक - 5.3]]। एक कूट व उसका रक्षक−देखें [[ लोक ]]।7। </li> | |||
<li>रुचक पर्वतस्थ एक कूट−देखें [[ लोक#5.13 4 | लोक - 5.13 4]]. काल का एक प्रमाण विशेष−देखें [[ गणित#I.1.4 | गणित - I.1.4]]। </li> | |||
</ol> | |||
<noinclude> | |||
[[ कुमारिल (भट्ट) | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ कुमुदकूट | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: क]] | |||
== पुराणकोष से == | |||
<span class="HindiText"> (1) विजयार्ध की उत्तरश्रेणी का एक नगर । <span class="GRef"> महापुराण 19. 82, 87 </span></br><span class="HindiText">(2) राम का सहायक एक विद्याधर । इसने रावण के योद्धा इंद्रवर्मा के साथ युद्ध किया था । <span class="GRef"> महापुराण 68. 390-391, 621-622, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_54#56|पद्मपुराण - 54.56]],[[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_54#60|पद्मपुराण - 54.60]].57-59, 74.61-62 </span></br><span class="HindiText">(3) चौरासी लाख कुमुदांग प्रमाण काल । नवें मनु यशस्त्रान् की आयु कुमुद वर्ष प्रमाण थी । <span class="GRef"> महापुराण 3. 126, 220 </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_7#26|हरिवंशपुराण - 7.26]], </span></br><span class="HindiText">(4) रुचकगिरि के पश्चिमदिशावर्ती आठ कूटों में पांचवां कूट । यह कांचना देवी की निवासभूमि था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#713|हरिवंशपुराण - 5.713]] </span></br><span class="HindiText">(5) बलदेव और कृष्ण के रथ की रक्षा करने के लिए पृष्ठरक्षक के रूप में नियुक्त वसुदेव का पुत्र । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_50#115|हरिवंशपुराण - 50.115-117]] </span> | |||
<noinclude> | |||
[[ कुमारिल (भट्ट) | पूर्व पृष्ठ ]] | |||
[[ कुमुदकूट | अगला पृष्ठ ]] | |||
</noinclude> | |||
[[Category: पुराण-कोष]] | |||
[[Category: क]] | |||
[[Category: करणानुयोग]] |
Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर−देखें विद्याधर ;
- देवकुरु का दिग्गजेंद्र पर्वत−देखें लोक - 5.3। एक कूट व उसका रक्षक−देखें लोक ।7।
- रुचक पर्वतस्थ एक कूट−देखें लोक - 5.13 4. काल का एक प्रमाण विशेष−देखें गणित - I.1.4।
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध की उत्तरश्रेणी का एक नगर । महापुराण 19. 82, 87
(2) राम का सहायक एक विद्याधर । इसने रावण के योद्धा इंद्रवर्मा के साथ युद्ध किया था । महापुराण 68. 390-391, 621-622, पद्मपुराण - 54.56,पद्मपुराण - 54.60.57-59, 74.61-62
(3) चौरासी लाख कुमुदांग प्रमाण काल । नवें मनु यशस्त्रान् की आयु कुमुद वर्ष प्रमाण थी । महापुराण 3. 126, 220 हरिवंशपुराण - 7.26,
(4) रुचकगिरि के पश्चिमदिशावर्ती आठ कूटों में पांचवां कूट । यह कांचना देवी की निवासभूमि था । हरिवंशपुराण - 5.713
(5) बलदेव और कृष्ण के रथ की रक्षा करने के लिए पृष्ठरक्षक के रूप में नियुक्त वसुदेव का पुत्र । हरिवंशपुराण - 50.115-117