खडखड: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> चौथे नरक पंकप्रभा के सातवें प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों महादिशाओं में चालीस और विदिशाओं में छत्तीस श्रेणिबद्ध बिल हैं । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.82, 134 </span> | <span class="HindiText"> चौथे नरक पंकप्रभा के सातवें प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों महादिशाओं में चालीस और विदिशाओं में छत्तीस श्रेणिबद्ध बिल हैं । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#82|हरिवंशपुराण - 4.82]],[[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#134|हरिवंशपुराण - 4.134]] </span> | ||
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
चतुर्थ नरक का सातवाँ पटल–देखें नरक - 5.11।
पुराणकोष से
चौथे नरक पंकप्रभा के सातवें प्रस्तार का इंद्रक बिल । इसकी चारों महादिशाओं में चालीस और विदिशाओं में छत्तीस श्रेणिबद्ध बिल हैं । हरिवंशपुराण - 4.82,हरिवंशपुराण - 4.134