गंधमालिनी: Difference between revisions
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<span class="HindiText"> (1) पश्चिम विदेह क्षेत्र के बत्तीस देशों में अंतिम देश । यह नील पर्वत और सीतोदा नदी के मध्य स्थित है । वीतशोका नगरी, विजयार्ध पर्वत तथा इस देश की राजधानी अवध्या की स्थिति इसी देश में है । <span class="GRef"> महापुराण 59.109, 63. 212, 217, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#251|हरिवंशपुराण - 5.251-252]], 27.5 </span></br><span class="HindiText">(2) जंबूद्वीप के विदेहक्षेत्र का एक नगर । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_27#115|हरिवंशपुराण - 27.115]] </span></br><span class="HindiText">(3) विदेहक्षेत्र की बारह विभंगा नदियों में दसवीं नदी । <span class="GRef"> महापुराण 63. 207 </span> | |||
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Latest revision as of 14:41, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- अपर विदेहस्थ एक क्षेत्र–देखें लोक - 5.2
- देवमाल वक्षार का एक कूट–देखें लोक - 5.4,
- देवमाल वक्षार के गंधमालिनी कूट का रक्षक देव–देखें लोक - 5.4
- विदेह क्षेत्रस्थ एक विभंगा नदी–देखें लोक - 5.8,
- गंधमादनविजयार्ध पर्वतस्थ एक कूट–देखें लोक - 5.4।
पुराणकोष से
(1) पश्चिम विदेह क्षेत्र के बत्तीस देशों में अंतिम देश । यह नील पर्वत और सीतोदा नदी के मध्य स्थित है । वीतशोका नगरी, विजयार्ध पर्वत तथा इस देश की राजधानी अवध्या की स्थिति इसी देश में है । महापुराण 59.109, 63. 212, 217, हरिवंशपुराण - 5.251-252, 27.5
(2) जंबूद्वीप के विदेहक्षेत्र का एक नगर । हरिवंशपुराण - 27.115
(3) विदेहक्षेत्र की बारह विभंगा नदियों में दसवीं नदी । महापुराण 63. 207