जयंधर: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> घातकीखंड द्वीप के पूर्वमेरु संबंधी पूर्व विदेह क्षेत्रस्थ पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी का राजा । इसकी रानी का नाम जयवती और पुत्र का नाम जयद्रथ था । <span class="GRef"> महापुराण 75.533-534 </span>जयपाल― महावीर के निर्वाण के तीन सौ पैतालीस वर्ष पश्चात् दो सौ बीस वर्ष के अंतराल में हुए ग्यारह अंगधारी पाँच मुनीश्वरों में दूसरे मुनि । <span class="GRef"> महापुराण 2.146,76.520-525, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 1.41-49, </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> घातकीखंड द्वीप के पूर्वमेरु संबंधी पूर्व विदेह क्षेत्रस्थ पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी का राजा । इसकी रानी का नाम जयवती और पुत्र का नाम जयद्रथ था । <span class="GRef"> महापुराण 75.533-534 </span><br> | ||
जयपाल― महावीर के निर्वाण के तीन सौ पैतालीस वर्ष पश्चात् दो सौ बीस वर्ष के अंतराल में हुए ग्यारह अंगधारी पाँच मुनीश्वरों में दूसरे मुनि । <span class="GRef"> महापुराण 2.146,76.520-525, </span><span class="GRef"> वीरवर्द्धमान चरित्र 1.41-49, </span></p> | |||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
घातकीखंड द्वीप के पूर्वमेरु संबंधी पूर्व विदेह क्षेत्रस्थ पुष्कलावती देश की पुंडरीकिणी नगरी का राजा । इसकी रानी का नाम जयवती और पुत्र का नाम जयद्रथ था । महापुराण 75.533-534
जयपाल― महावीर के निर्वाण के तीन सौ पैतालीस वर्ष पश्चात् दो सौ बीस वर्ष के अंतराल में हुए ग्यारह अंगधारी पाँच मुनीश्वरों में दूसरे मुनि । महापुराण 2.146,76.520-525, वीरवर्द्धमान चरित्र 1.41-49,