जिनदत्ता: Difference between revisions
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<p id="1"> (1) एक आर्यिका । मथुरा के सेठ भानुदत्त की स्त्री यमुनादत्ता को इसी ने दीक्षा दी थी । महापुराण 71.201-206, हरिवंशपुराण 33. 96-100</p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText"> (1) एक आर्यिका । मथुरा के सेठ भानुदत्त की स्त्री यमुनादत्ता को इसी ने दीक्षा दी थी । <span class="GRef"> महापुराण 71.201-206, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_33#96|हरिवंशपुराण - 33.96-100]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) | <p id="2" class="HindiText">(2) जंबूद्वीप के पश्चिम विदेह क्षेत्र में सुगंधिल देश के सिंहपुर नगर के राजा अर्हद्दास की पत्नी, अपराजित की जननी । <span class="GRef"> महापुराण 70. 4-5, 10, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_34#3|हरिवंशपुराण - 34.3-5]] </span></p> | ||
<p id="3">(3) मृणालवती नगरी के सेठ अशोकदेव की स्त्री । यह | <p id="3" class="HindiText">(3) मृणालवती नगरी के सेठ अशोकदेव की स्त्री । यह सुकांत की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 46.103, 106 </span></p> | ||
<p id="4">(4) जिनदेव की पुत्री । पुष्कलावती देश में विजयपुर नगर के सेठ मधुषेण की पुत्री | <p id="4" class="HindiText">(4) जिनदेव की पुत्री । पुष्कलावती देश में विजयपुर नगर के सेठ मधुषेण की पुत्री बंधुयशा की यह सखी थी । <span class="GRef"> महापुराण 71. 323-365 </span></p> | ||
<p id="5">(5) पुष्कलावती देश मे वीतशोका नगरी के राजा अशोक और उसकी रानी श्रीमती की पुत्री | <p id="5" class="HindiText">(5) पुष्कलावती देश मे वीतशोका नगरी के राजा अशोक और उसकी रानी श्रीमती की पुत्री श्रीकांता ने इसी के पास दीक्षा ली थी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_60#69|हरिवंशपुराण - 60.69-70]] </span></p> | ||
<p id="6">(6) वाराणसी नगरी के धनदेव वैश्य की स्त्री । यह चोरी के लिए कुख्यात | <p id="6" class="HindiText">(6) वाराणसी नगरी के धनदेव वैश्य की स्त्री । यह चोरी के लिए कुख्यात शांतव और रमण की जननी थी । <span class="GRef"> महापुराण 76.319 </span></p> | ||
<p id="7">(7) विदेह क्षेत्र की अयोध्या नगरी के राजा | <p id="7" class="HindiText">(7) विदेह क्षेत्र की अयोध्या नगरी के राजा अर्हद्दास की दूसरी रानी, विभीषण की जननी । <span class="GRef"> महापुराण 59.276-279, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_27#111|हरिवंशपुराण - 27.111-112]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
(1) एक आर्यिका । मथुरा के सेठ भानुदत्त की स्त्री यमुनादत्ता को इसी ने दीक्षा दी थी । महापुराण 71.201-206, हरिवंशपुराण - 33.96-100
(2) जंबूद्वीप के पश्चिम विदेह क्षेत्र में सुगंधिल देश के सिंहपुर नगर के राजा अर्हद्दास की पत्नी, अपराजित की जननी । महापुराण 70. 4-5, 10, हरिवंशपुराण - 34.3-5
(3) मृणालवती नगरी के सेठ अशोकदेव की स्त्री । यह सुकांत की जननी थी । महापुराण 46.103, 106
(4) जिनदेव की पुत्री । पुष्कलावती देश में विजयपुर नगर के सेठ मधुषेण की पुत्री बंधुयशा की यह सखी थी । महापुराण 71. 323-365
(5) पुष्कलावती देश मे वीतशोका नगरी के राजा अशोक और उसकी रानी श्रीमती की पुत्री श्रीकांता ने इसी के पास दीक्षा ली थी । हरिवंशपुराण - 60.69-70
(6) वाराणसी नगरी के धनदेव वैश्य की स्त्री । यह चोरी के लिए कुख्यात शांतव और रमण की जननी थी । महापुराण 76.319
(7) विदेह क्षेत्र की अयोध्या नगरी के राजा अर्हद्दास की दूसरी रानी, विभीषण की जननी । महापुराण 59.276-279, हरिवंशपुराण - 27.111-112