जिह्वक: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> वंशा नामक दूसरी पृथिवी के आठवें प्रस्तार से संबंधित आठवां इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ सोलह और विदिशा में एक सौ बारह श्रेणिबद्ध बिल होते हैं । अपरनाम जिह्विक । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.78,112 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> वंशा नामक दूसरी पृथिवी के आठवें प्रस्तार से संबंधित आठवां इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ सोलह और विदिशा में एक सौ बारह श्रेणिबद्ध बिल होते हैं । अपरनाम जिह्विक । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#78|हरिवंशपुराण - 4.78]],112 </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
वंशा नामक दूसरी पृथिवी के आठवें प्रस्तार से संबंधित आठवां इंद्रक बिल । इसकी चारों दिशाओं में एक सौ सोलह और विदिशा में एक सौ बारह श्रेणिबद्ध बिल होते हैं । अपरनाम जिह्विक । हरिवंशपुराण - 4.78,112