त्रिगुप्ति: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
Line 1: | Line 1: | ||
<div class="HindiText"> <p> मनोगुप्ति, वचनगुप्ति और कायगुप्ति से संबंधित एक व्रत । इसमें नौ-नौ उपवासों का विधान होने से तीनों के सत्ताईस उपवास और इतनी ही पारणाएँ की जाती है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 34.100, 106 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> मनोगुप्ति, वचनगुप्ति और कायगुप्ति से संबंधित एक व्रत । इसमें नौ-नौ उपवासों का विधान होने से तीनों के सत्ताईस उपवास और इतनी ही पारणाएँ की जाती है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_34#100|हरिवंशपुराण - 34.100]], 106 </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
मनोगुप्ति, वचनगुप्ति और कायगुप्ति से संबंधित एक व्रत । इसमें नौ-नौ उपवासों का विधान होने से तीनों के सत्ताईस उपवास और इतनी ही पारणाएँ की जाती है । हरिवंशपुराण - 34.100, 106