दमितारि: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(2 intermediate revisions by the same user not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p> एक प्रतिनारायण । यह पूर्व विदेह क्षेत्र में शिवमंदिर नगर का राजा था । नारद के कहने पर प्रभाकरी नगरी के राजा बलभद्र अपराजित तथा नारायण अनंतवीर्य की सुंदर दो नर्तकियों के लिए इसने नारायण अनंतवीर्य से युद्ध किया तथा अपने ही चक्र के द्वारा उस युद्ध में मारा गया । यह राजा कीर्तिधर केवली का पुत्र था । मंदरमालिनी इसकी रानी थी । इसी रानी से इसके कनश्री नाम की एक कन्या तथा सुघोष और विद्युद्दष्ट्र नाम के दो पुत्र हुए थे । <span class="GRef"> महापुराण 62. 433-489, 500, 503, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 4.252-275 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> एक प्रतिनारायण । यह पूर्व विदेह क्षेत्र में शिवमंदिर नगर का राजा था । नारद के कहने पर प्रभाकरी नगरी के राजा बलभद्र अपराजित तथा नारायण अनंतवीर्य की सुंदर दो नर्तकियों के लिए इसने नारायण अनंतवीर्य से युद्ध किया तथा अपने ही चक्र के द्वारा उस युद्ध में मारा गया । यह राजा कीर्तिधर केवली का पुत्र था । मंदरमालिनी इसकी रानी थी । इसी रानी से इसके कनश्री नाम की एक कन्या तथा सुघोष और विद्युद्दष्ट्र नाम के दो पुत्र हुए थे । <span class="GRef"> महापुराण 62. 433-489, 500, 503, </span><span class="GRef"> पांडवपुराण 4.252-275 </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> |
Latest revision as of 15:10, 27 November 2023
एक प्रतिनारायण । यह पूर्व विदेह क्षेत्र में शिवमंदिर नगर का राजा था । नारद के कहने पर प्रभाकरी नगरी के राजा बलभद्र अपराजित तथा नारायण अनंतवीर्य की सुंदर दो नर्तकियों के लिए इसने नारायण अनंतवीर्य से युद्ध किया तथा अपने ही चक्र के द्वारा उस युद्ध में मारा गया । यह राजा कीर्तिधर केवली का पुत्र था । मंदरमालिनी इसकी रानी थी । इसी रानी से इसके कनश्री नाम की एक कन्या तथा सुघोष और विद्युद्दष्ट्र नाम के दो पुत्र हुए थे । महापुराण 62. 433-489, 500, 503, पांडवपुराण 4.252-275