धरणी: Difference between revisions
From जैनकोष
Bhumi Doshi (talk | contribs) No edit summary |
(Imported from text file) |
||
(One intermediate revision by the same user not shown) | |||
Line 17: | Line 17: | ||
== पुराणकोष से == | == पुराणकोष से == | ||
<div class="HindiText"> <p id="1">(1) विजयार्ध की उत्तरश्रेणी की पचासवीं नगरी । <span class="GRef"> महापुराण 19. 85, 87 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) विजयार्ध की उत्तरश्रेणी की पचासवीं नगरी । <span class="GRef"> महापुराण 19. 85, 87 </span></p> | ||
<p id="2">(2) रत्नपुर नगर के निवासी गोमुख की भार्या, सहस्रभाग की जननी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 13. 6 0 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) रत्नपुर नगर के निवासी गोमुख की भार्या, सहस्रभाग की जननी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_13#6|पद्मपुराण - 13.6]] 0 </span></p> | ||
<p id="3">(3) प्रभापुर नगर के राजा श्रीनंदन की रानी, सप्तर्षियों की जननी । <span class="GRef"> पद्मपुराण 92.1-4 </span></p> | <p id="3" class="HindiText">(3) प्रभापुर नगर के राजा श्रीनंदन की रानी, सप्तर्षियों की जननी । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_92#1|पद्मपुराण - 92.1-4]] </span></p> | ||
</div> | </div> | ||
Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- धवला 13/5,5/सूत्र 40/243 धरणी धरणाट्ठवणा कोट्ठा पदिट्ठा।40। =धरणी, धरणा, स्थापना, कोष्ठा, और प्रतिष्ठा ये एकार्थवाची नाम है।
- विजयार्ध की उत्तर श्रेणी का एक नगर–देखें विद्याधर ।
पुराणकोष से
(1) विजयार्ध की उत्तरश्रेणी की पचासवीं नगरी । महापुराण 19. 85, 87
(2) रत्नपुर नगर के निवासी गोमुख की भार्या, सहस्रभाग की जननी । पद्मपुराण - 13.6 0
(3) प्रभापुर नगर के राजा श्रीनंदन की रानी, सप्तर्षियों की जननी । पद्मपुराण - 92.1-4