नित्यालोक: Difference between revisions
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<p> धातकीखंड द्वीप के पूर्व भरतक्षेत्र में स्थित विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का एक नगर । <span class="GRef"> महापुराण 71.249-50, </span><span class="GRef"> हरिवंशपुराण 33.131 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) धातकीखंड द्वीप के पूर्व भरतक्षेत्र में स्थित विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का एक नगर । <span class="GRef"> महापुराण 71.249-50, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_33#131|हरिवंशपुराण - 33.131]] </span></p> | ||
<p id="2">(2) इस नाम के नगर का इसी नाम का एक नृप । इसकी पुत्री रत्नावली को दशानन ने विवाहा था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 9.102-103 </span></p> | <p id="2" class="HindiText">(2) इस नाम के नगर का इसी नाम का एक नृप । इसकी पुत्री रत्नावली को दशानन ने विवाहा था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_9#102|पद्मपुराण - 9.102-103]] </span></p> | ||
<p id=" | <p id="3" class="HindiText">(3) रुचकगिरि के दक्षिण भाग का एक कूट । यह कनकचित्रा देवी की निवासभूमि है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_5#719|हरिवंशपुराण - 5.719]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:11, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
रुचक पर्वतस्थ एक कूट–देखें लोक - 5.13।
पुराणकोष से
(1) धातकीखंड द्वीप के पूर्व भरतक्षेत्र में स्थित विजयार्ध पर्वत की दक्षिणश्रेणी का एक नगर । महापुराण 71.249-50, हरिवंशपुराण - 33.131
(2) इस नाम के नगर का इसी नाम का एक नृप । इसकी पुत्री रत्नावली को दशानन ने विवाहा था । पद्मपुराण - 9.102-103
(3) रुचकगिरि के दक्षिण भाग का एक कूट । यह कनकचित्रा देवी की निवासभूमि है । हरिवंशपुराण - 5.719