पाताल: Difference between revisions
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<li>विमलनाथ भगवान् का शासक यक्ष - देखें [[ तीर्थंकर#5.3 | तीर्थंकर - 5.3]]। </li> | <li>विमलनाथ भगवान् का शासक यक्ष - देखें [[ तीर्थंकर#5.3 | तीर्थंकर - 5.3]]। </li> | ||
<li> लवण समुद्र की तली में स्थित | <li> लवण समुद्र की तली में स्थित बड़े-बड़े खड़। ये तीन प्रकार के हैं - उत्तम, मध्यम व जघन्य (देखें [[ लोक#4.1 | लोक - 4.1]])। </li> | ||
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<div class="HindiText"> <p> पृथिवी का अधोभाग । यह दस प्रकार के भवनवासी देवों की निवासभूमि है । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 4.62-65 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पृथिवी का अधोभाग । यह दस प्रकार के भवनवासी देवों की निवासभूमि है । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_4#62|हरिवंशपुराण - 4.62-65]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
सिद्धांतकोष से
- विमलनाथ भगवान् का शासक यक्ष - देखें तीर्थंकर - 5.3।
- लवण समुद्र की तली में स्थित बड़े-बड़े खड़। ये तीन प्रकार के हैं - उत्तम, मध्यम व जघन्य (देखें लोक - 4.1)।
पुराणकोष से
पृथिवी का अधोभाग । यह दस प्रकार के भवनवासी देवों की निवासभूमि है । हरिवंशपुराण - 4.62-65