पारिणामिक-भाव: Difference between revisions
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<div class="HindiText"> <p> कर्म के उदय, उपशम, क्षय और क्षयोपशम की अपेक्षा से रहित स्वभावभूत भाव । <span class="GRef"> हरिवंशपुराण 3. 79 </span></p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> कर्म के उदय, उपशम, क्षय और क्षयोपशम की अपेक्षा से रहित स्वभावभूत भाव । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_3#79|हरिवंशपुराण - 3.79]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
कर्म के उदय, उपशम, क्षय और क्षयोपशम की अपेक्षा से रहित स्वभावभूत भाव । हरिवंशपुराण - 3.79