पुरोधस्: Difference between revisions
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<p> पुरोहित । यह भरतेश चक्रवर्ती के चौदह रत्नों में एक सजीव रत्न था । इसकी एक हजार देव रक्षा करते थे । यह चक्रवर्ती का मार्गदर्शक था । महापुराण 28.60, 37.83-86, हरिवंशपुराण 11. 108-109 </p> | <div class="HindiText"> <p class="HindiText"> पुरोहित । यह भरतेश चक्रवर्ती के चौदह रत्नों में एक सजीव रत्न था । इसकी एक हजार देव रक्षा करते थे । यह चक्रवर्ती का मार्गदर्शक था । <span class="GRef"> महापुराण 28.60, 37.83-86, </span><span class="GRef"> [[ग्रन्थ:हरिवंश पुराण_-_सर्ग_11#108|हरिवंशपुराण - 11.108-109]] </span></p> | ||
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Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
पुरोहित । यह भरतेश चक्रवर्ती के चौदह रत्नों में एक सजीव रत्न था । इसकी एक हजार देव रक्षा करते थे । यह चक्रवर्ती का मार्गदर्शक था । महापुराण 28.60, 37.83-86, हरिवंशपुराण - 11.108-109