पृथिवीधर: Difference between revisions
From जैनकोष
(Imported from text file) |
(Imported from text file) |
||
(4 intermediate revisions by 2 users not shown) | |||
Line 1: | Line 1: | ||
<p id="1">(1) वैजयंतपुर का राजा । इसकी रानी इंद्राणी से वनमाला नाम की एक पुत्री हुई थी । शरीर में निस्पृह होकर इसने भरत के साथ मुनि होकर घोर तपस्या की थी और निर्वाण प्राप्त किया था । <span class="GRef"> पद्मपुराण 36.11-15 </span></p> | <div class="HindiText"> <p id="1" class="HindiText">(1) वैजयंतपुर का राजा । इसकी रानी इंद्राणी से वनमाला नाम की एक पुत्री हुई थी । शरीर में निस्पृह होकर इसने भरत के साथ मुनि होकर घोर तपस्या की थी और निर्वाण प्राप्त किया था । <span class="GRef"> [[ग्रन्थ:पद्मपुराण_-_पर्व_36#11|पद्मपुराण - 36.11-15]] </span></p> | ||
</div> | |||
<noinclude> | <noinclude> | ||
Line 10: | Line 10: | ||
[[Category: पुराण-कोष]] | [[Category: पुराण-कोष]] | ||
[[Category: प]] | [[Category: प]] | ||
[[Category: प्रथमानुयोग]] |
Latest revision as of 15:15, 27 November 2023
(1) वैजयंतपुर का राजा । इसकी रानी इंद्राणी से वनमाला नाम की एक पुत्री हुई थी । शरीर में निस्पृह होकर इसने भरत के साथ मुनि होकर घोर तपस्या की थी और निर्वाण प्राप्त किया था । पद्मपुराण - 36.11-15